पिलानी के झेरली स्थित हरिनाथ आश्रम के सन्त मूसलनाथ महाराज का आज 91वर्ष की आयु में शिवलोक गमन हो गया। वे आज सुबह 11:15 बजे शिव शरण में चले गए। सन्त मूसलनाथ महाराज को झेरली आश्रम में ही समाधि दी गई।
सूचना पर सन्त व भक्तजन आश्रम पहुंचने लगे। आश्रम में भजन कीर्तन होते रहे और श्रद्धालु बारी-बारी से सन्त के पार्थिव शरीर के दर्शन करते रहे। दिन भर भक्तों का तांता लगा रहा। दोपहर बाद सन्त को समाधि अवस्था में ही नगर भ्रमण करवाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में उनके अनुयायी और झेरली आश्रम से जुड़े भक्त शामिल हुए। बाद में शाम को 5 बजे बाद हरिणाथ आश्रम झेरली के महंत दशहरा नाथ महाराज के सान्निध्य में तथा अनेक संतों की उपस्थिति में मंत्रोच्चारण के साथ नाथ पंथ की परंपरानुसार उन्हें समाधि दी गई।
सन्त मूसलनाथ महाराज मूल रूप से ढंढार गांव के रहने वाले थे। उन्होंने संत हरिनाथ महाराज की प्रेरणा से लगभग 70 वर्ष पूर्व 21 वर्ष की आयु में सन्त वेश धारण किया था। सन्त मूसलनाथ महाराज ने 2013 में अपने शिष्य दशहरा नाथ महाराज को जीवन्त चादर ओढ़ा कर उन्हें झेरली आश्रम के महन्त की गद्दी प्रदान की थी।
समाधि के अवसर पर महन्त दशहरा नाथ, केशव नाथ, महन्त रूपनाथ, गिरवर नाथ, भजन नाथ, दूज नाथ सहित शेखावाटी व हरियाणा क्षेत्र से आए कई सन्त मौजूद रहे। इसके अलावा झेरली, कुल्हरियों का बास, ढंढार, घूमनसर, बजावा, पिलानी, चिड़ावा सहित आस-पास के सभी गांवों व कस्बों से भक्त भी ब्रह्मलीन सन्त मूसलनाथ महाराज के अन्तिम दर्शनों के लिए पहुंचे।
हरिनाथ आश्रम झेरली से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता विकास डूमोली ने बताया कि मंगलवार रात्री को आश्रम में जागरण होगा तथा बुधवार, 13 दिसम्बर को तीया और भंडारा का आयोजन होगा।