चिडावा, झुन्झुनूं: पेयजल संकट से जूझ रहे झुन्झुनूं जिले के किसानों का लालचौक बस स्टैंड धरना 118 वें दिन भी जारी है। अब महिलाएं भी मासूम बच्चों को साथ लेकर धरने में शामिल होने लगी हैं।
चिलचिलाती धूप में भी अडिग किसान:
चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी के बावजूद किसानों का हौसला कम नहीं है। वे नहर की मांग को लेकर अडिग हैं। धरने में बंजारा, लुहार, सांसी, कबीसर और कंजर समुदाय के लोग भी शामिल हो रहे हैं।
“मरेंगे मारेंगे, आर-पार की लड़ाई है”:
किसानों का कहना है कि शेखावाटी क्षेत्र में पानी की भारी कमी है। सरकार ने नहर का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। धरने पर मौजूद लोगों ने कहा कि “यह हमारी आर-पार की लड़ाई है। सरकार पानी नहीं देगी तो हम मरेंगे मारेंगे, लेकिन पीछे नहीं हटेंगे।”
आगे की रणनीति:
किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक धरना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि वे “जीते तो पानी मिलेगा, हारे तो शहादत पर नहर लेंगे” का नारा बुलंद करते हुए आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं।
पूर्व सरपंच का आह्वान:
पूर्व सरपंच पूर्णाराम शर्मा ने कहा कि “अगर सरकार ने हमारी मांगों को नहीं माना तो शेखावाटी क्षेत्र का लोग ईंट से ईंट बजा देंगे।” उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे धरने में शामिल होकर सरकार को झुकाएं।
किसान नेताओं का समर्थन:
किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष बजरंग बराला, शेखावाटी नहर संघर्ष आंदोलन के प्रवक्ता लोक कलाकार विजेंद्र शास्त्री, और अन्य किसान नेताओं ने धरने को संबोधित करते हुए किसानों का समर्थन किया।
क्या होगा आगे?
यह देखना बाकी है कि सरकार किसानों की मांगों को कब तक मानती है। फिलहाल, धरना जारी है और किसानों का हौसला बुलंद है।