झुंझुनू, 27 अगस्त 2024: पशु विज्ञान केंद्र, झुंझुनू के प्रभारी अधिकारी प्रमोद कुमार के नेतृत्व में “बकरी पालन एवं प्रबंधन” विषय पर एक विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में बैंक ऑफ बडोदा के RSETI केंद्र से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे पशुपालकों ने भाग लिया।
शिविर में केंद्र के विशेषज्ञ अरविंद कुमार ने बकरी के दूध के लाभों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बकरी के दूध में कैल्शियम, पोटेशियम, प्रोटीन और विटामिन-डी की प्रचुर मात्रा होती है, जो मानव शरीर के लिए अत्यधिक लाभकारी है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर लोग गाय या भैंस के दूध का सेवन करते हैं, लेकिन बकरी का दूध भी कई विशिष्ट गुणों से युक्त है और सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है। बकरी का दूध आसानी से पचने योग्य होता है और यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के साथ-साथ डेंगू जैसी बीमारियों में भी प्रभावी है।
प्रशिक्षण के दौरान टीकाकरण, कृमिनाशक दवाओं के उपयोग, और बकरियों में होने वाली संक्रामक बीमारियों जैसे फडकिया, पीपीआर, खुरपका-मुंहपका और पॉक्स के कारण, लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही, बकरियों में परजीवी नियंत्रण के तरीकों पर भी व्याख्यान दिया गया।
शिविर में बताया गया कि बकरी का दूध, गुणवत्ता के मामले में मनुष्य के मातृ दूध के बराबर माना गया है। पशुपालकों को बकरी आधारित एकीकृत कृषि प्रणाली पर जोर दिया गया, जिसमें बकरी पालन के साथ-साथ मुर्गी पालन, मछली पालन, केंचुआ खाद, जैविक फल-सब्जियों की खेती और सहजन पेड़ का रोपण शामिल है।
प्रशिक्षण में यह भी सलाह दी गई कि नए पशुपालक अपने बकरी पालन व्यवसाय को वर्ष के सितंबर की शुरुआत से फरवरी के अंत तक प्रारंभ करें। राजस्थान में पाई जाने वाली प्रमुख बकरी नस्लों जैसे सोजत, जमुनापारी, बीटल, मारवाड़ी, और सिरोही के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई।
आवास प्रबंधन के बारे में जानकारी देते हुए कहा गया कि आवास हमेशा पूर्व से पश्चिम दिशा में बनाना चाहिए ताकि सर्दियों में अधिक धूप मिल सके और नमी दूर हो सके। दीवारों की चुने से पुताई की सलाह दी गई, और आवास की लंबाई को पशुपालक अपने अनुसार रख सकते हैं, लेकिन चौड़ाई 12 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। आवास को हवादार बनाना आवश्यक बताया गया।
प्रमुख बिंदु:
- बकरी के दूध के लाभ और उसकी गुणवत्ता
- संक्रामक बीमारियों से बचाव और उपचार के तरीकों पर जानकारी
- बकरी आधारित एकीकृत कृषि प्रणाली पर जोर
- उचित आवास प्रबंधन के उपाय
यह प्रशिक्षण शिविर पशुपालकों के लिए ज्ञानवर्धक और उपयोगी सिद्ध हुआ, जिसमें उन्हें आधुनिक तकनीकों और वैज्ञानिक पद्धतियों से बकरी पालन में सफलता प्राप्त करने के महत्वपूर्ण उपाय बताए गए।