Wednesday, June 18, 2025
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झुंझुनू जिला कलक्टर व राज्य सरकार (शिक्षा विभाग) के आदेशों कि उड़ा रहे धज्जियां, बच्चों को कानून की पालना सिखाने वाले विद्यालय ही नही कर रहे कलक्टर के आदेशों की पालना।

चिड़ावा: भीषण गर्मी को देखते हुए जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल को नन्हे बच्चों पर तरस आ गया था। पिछले दिनो कलक्टर ने इन नन्हे मुन्नों को भीषण गर्मी मे राहत देते हुए कक्षा नर्सरी से आठवीं तक जिले की सभी स्कूलों का समय सुबह 7:30 बजे से 11 बजे तक करने का आदेश पारित किया था। यह आदेश सरकारी व निजी दोनो तरह की तमाम शिक्षण संस्थानों के लिए था। अपने आदेश मे कलक्टर ने इन बच्चों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए खुले मे प्रार्थना सभा ना करवाने का भी आदेश दिया था।

लेकिन बच्चों को कानून की पालना सिखाने वाले चिड़ावा के कुछ निजी विद्यालयों ने खुद कलक्टर के आदेशों की पालना ना करने की कसम खाई हुई है। जिले मे हीट वेव की चेतावनी के बावजूद इन विद्यालयों ने ना ही तो प्रार्थना कड़ी धूप मे करवाना बंद किया है ओर ना ही छोटे बच्चों के स्कूल समय मे परिवर्तन किया है।

आज भी 44 डिग्री तापमान मे छोटे छोटे बच्चों को इन निजी स्कूलों से तपती दोपहर मे डेढ से दो बजे निकलते हुए देखा जा सकता है। निजी स्कूलों की हठधर्मिता के आगे विवश ये नन्हे बच्चे सर पर किताब या रुमाल रख कर तपती दोपहर मे धूप से व लू के थपेड़ों से बचते बचाते अपने घर पहुंच रहे हैं।

मोटरसाईकिल या साईकिल से अपने कलेजे के टुकडे को स्कूल से लाने वाले अभिभावकों को भी इस तपन का सामना करना पड़ रहा है। जब तक ये निजी विद्यालय उनके नन्हे बच्चों को नही छोडते तब तक उन्हे बाहर खुले आसमान मे चिलचिलाती धूप मे खड़ा रहना पड़ता है। स्कूल की छुट्टी होने पर ही ये अभिभावक अपने बच्चे को तपते वाहन पर बैठा कर घर पहुंचते हैं। अभिभावक इस डर से कि अगर उन्होने कुछ कहा तो उनके विरोध की सजा उनके बच्चों को मिलेगी, इन स्कूलों की मनमानी के आगे चुप रहते हैं।

इसके अलावा आपको बता दें की राजस्थान सरकार व शिक्षा विभाग द्वारा जारी शिविरा मे सभी छोटे और बड़े बच्चों की गर्मी की छुट्टियों की घोषणा कर दी गई है। 17 मई 2024 से लेकर 23 जून 2024 तक गर्मी की छुट्टियां घोषित की गई है, इसमें छोटे-बड़े सभी बच्चे शामिल है। सरकारी हो या प्राइवेट स्कूल हो सभी में गर्मी की छुट्टियां घोषित कर दी गई है। शिविरा मे घोषित इन छुट्टियों के आदेश का पालन करना सरकारी व गैर सरकारी दोनो तरह के स्कूलों के लिए अनिवार्य है।

लेकिन आज भी ये निजी स्कूल अपने फायदे के लिए बच्चों को स्कूल बुला रहे हैं। इन निजी स्कूलों को 10वीं व 12वीं के परिणाम घोषित होने का इन्तजार है। जब तक राजस्थान बोर्ड ये परिणाम घोषित नही कर देते तब तक ये स्कूल बच्चों की छुट्टियां नही करेंगें।

जब 10वीं व 12वीं का रिजल्ट घोषित हो जाएगा तब ये निजी स्कूल डीजे बजा कर पूरे शहर व गावों मे तपती दोपहर व लू के थपेडों मे इन बच्चों को पैदल घुमा कर अपनी कामयाबी का जश्न मनाऐंगे। इन स्कूलों का वो जश्न फीका ना पड़े इसलिए वे स्कूल लगाते रहेंगे।

इस सब मे कमाल की बात ये भी है कि कलक्टर व राज्य सरकार के आदेशों की पालना करवाने वाले अधिकारी भी इन नन्हे मुन्ने बच्चों के स्वास्थ्य के साथ हो रहे इस खिलवाड़ की तरफ आंखे मूंदे हुए हैं।

कलक्टर के निर्देश की आड मे लगा रहे पूरा दिन स्कूल

जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक, झुंझुनू ने जिला कलक्टर के निर्देशानुसार एक आदेश पारित किया था जो इन निजी स्कूलों को बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने का साधन बन गया है। दरअसल जिला कलक्टर चिन्मयी गोपाल ने बच्चों के भविष्य को सुधारने हेतु निर्देशित किया था, इस आदेश मे राजकीय स्कूलों को ये छूट दी गई है कि वें गर्मी की छुट्टियों मे बच्चों के लिए इंग्लिश लर्निंग क्लास चला सकते हैं। इसी आदेश की आड मे ये निजी स्कूल बच्चों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हुए छुट्टियों में पूरा दिन स्कूल चलाते हैं।

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