झुंझुनू, 23 अप्रैल 2024: 11 साल पहले एक दुर्घटना में अपना एक पैर गंवाने वाली निवाई गांव की बेटी अनिता चौधरी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि हौसले बुलंद हों तो कोई भी मुश्किल नामुमकिन नहीं है। अनिता ने दक्षिण कोरिया के चुंगजू शहर में हुई पैरा रोइंग प्रतियोगिता के फाइनल में प्रथम स्थान प्राप्त कर पेरिस पैरा ओलंपिक में अपनी जगह सुनिश्चित कर ली है।
अनवरत अभ्यास और अटूट हौसले:
अनिता ने 22 मार्च से 14 अप्रैल तक चीन में कठोर प्रशिक्षण लिया, जिसके बाद वह दक्षिण कोरिया रवाना हुईं। 15 अप्रैल से शुरू हुई पैरा रोइंग प्रतियोगिता में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए 21 अप्रैल को फाइनल मुकाबले में प्रथम स्थान हासिल किया। अनिता ने यह प्रतियोगिता रोइंग पीआर 3 मिक्स्ड डबल स्कल्स वर्ग में जीती, जिसमें उनके साथ भारतीय सेना के नारायण कोंगनापल्ले भी शामिल थे।
एशियन पैरा गेम्स में भी चमका था अनिता का सितारा:
गौरतलब है कि अनिता पहले ही एशियन पैरा गेम्स में रजत पदक जीत चुकी हैं। चीन के हांगझोऊ में 23 से 28 अक्टूबर 2023 तक आयोजित इन खेलों में उन्होंने भी पैरा रोइंग पीआर 3 मिक्स्ड डबल स्कल्स प्रतियोगिता में रजत पदक हासिल किया था।
परोपकार और प्रेरणा की प्रतिमूर्ति:
अनिता न केवल एक कुशल खिलाड़ी हैं, बल्कि समाज के लिए प्रेरणा भी हैं। वह अक्सर जरूरतमंदों की मदद करती हैं और उन्हें शिक्षा और खेलों के प्रति जागरूक करती हैं। अनिता की इस उपलब्धि पर उनके परिवार, गांव और पूरे देश को गर्व है।
अनिता का सपना:
अनिता का सपना ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीतकर लाना है। उनकी लगन और कठिन परिश्रम को देखते हुए यह सपना अब दूर नहीं लगता।
अनिता के बारे में:
- अनिता चौधरी, झुंझुनू, राजस्थान की रहने वाली हैं।
- 11 साल पहले एक दुर्घटना में उन्होंने अपना एक पैर गंवा दिया था।
- उन्होंने पैरा रोइंग में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं।
- 2023 में एशियन पैरा गेम्स में रजत पदक जीता था।
- 2024 में पेरिस पैरा ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है।
यह कहानी हमें सिखाती है कि हौसले बुलंद हों तो कोई भी मुश्किल नामुमकिन नहीं है। अनिता चौधरी हमारे लिए प्रेरणा हैं और हम उनकी सफलता के लिए शुभकामनाएं देते हैं।