झुंझुनूं: जिला मुख्यालय पर आयोजित वर्ष की अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत ने त्वरित न्याय और आपसी समझाइश की मिसाल पेश की। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में लम्बित और प्री-लिटिगेशन के कुल 122 मामलों का निपटारा करते हुए 47 लाख 41 हजार 884 रुपये के अवार्ड जारी किए गए। न्याय टेबल जैसे नवाचार से न केवल मुकदमेबाजी से राहत मिली, बल्कि पीड़ित उपभोक्ताओं को अवकाश दिवस में भी न्याय सुलभ हो सका।
रविवार को आयोजित इस वर्ष की चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग झुंझुनूं से जुड़े कुल 122 प्रकरणों का समाधान किया गया। न्यायाधीश अजय गोदारा और आयोग अध्यक्ष मनोज कुमार मील की संयुक्त बेंच ने आपसी समझाइश और लोक अदालत की भावना के अनुरूप मामलों का निस्तारण किया, जिसके परिणामस्वरूप 47.41 लाख रुपये से अधिक की राशि के अवार्ड जारी हुए।
उल्लेखनीय है कि जिला उपभोक्ता आयोग झुंझुनूं में न्याय टेबल के माध्यम से पीड़ित उपभोक्ताओं और सेवाप्रदाताओं को आपसी सहमति से विवाद सुलझाने का अवसर दिया गया। अवकाश दिवस में भी यह सुविधा उपलब्ध होने से बड़ी संख्या में लम्बित मामलों का निस्तारण संभव हो पाया, जिससे त्वरित न्याय की अवधारणा और अधिक प्रभावी बनी।
उपभोक्ता आयोग अध्यक्ष मनोज कुमार मील ने बताया कि यह उपलब्धि आयोग के अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम भावना का परिणाम है। विद्युत विभाग के नोडल अधिकारी के रूप में अधिशासी अधिकारी प्रदीप कुमार भाम्बू की भूमिका को भी उन्होंने सराहनीय बताया, जिनके सकारात्मक प्रयासों से न्याय टेबल पर उपभोक्ताओं को शीघ्र समाधान मिल सका।

राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायाधीश अजय गोदारा, आयोग अध्यक्ष मनोज कुमार मील और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव महेन्द्र कुमार सिंह सोलंकी ने विद्युत उपभोक्ता को बड़ी राहत देकर विद्युत अधिनियम की पवित्रता और त्वरित न्याय का संदेश दिया।
बड़ की ढाणी, गुढ़ा गोड़जी निवासी उपभोक्ता सुभाष चंद्र महला का विद्युत मीटर खराब होने पर विभाग को सूचना देकर मीटर बदलने की रसीद कटवाई गई थी, लेकिन लंबे समय तक नया मीटर नहीं लगाया गया। इसी बीच सतर्कता टीम द्वारा वीसीआर भर दी गई। पीड़ित ने लोक अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया, जिस पर मात्र 1088 रुपये की वैधानिक राशि पर प्रकरण का निस्तारण कर अवार्ड की प्रमाणित प्रति प्रदान की गई।
लोक अदालत में समाधान मिलने के बाद उपभोक्ता सुभाष चंद्र महला भावुक हो उठे और उन्होंने कहा कि आज लोक अदालत में न्याय होने के साथ-साथ त्वरित न्याय को साकार होते हुए देखा है।
राष्ट्रीय लोक अदालत में विद्युत उपभोक्ताओं को राहत दिलाने के लिए न्याय टेबल पर अधिशासी अधिकारी प्रदीप कुमार भाम्बू, विधि अधिकारी प्रज्ञ कुल्हार, सहायक अभियंता अनिल कालेर, महेश कुमार सैनी, विजय बोला, अधिवक्ता होशियार सिंह, सहायक राजस्व अधिकारी इकबाल अली, सतवीर, विक्रम यादव सहित उपभोक्ता आयोग के प्रशासनिक अधिकारी भीम सिंह राजपुरोहित, चन्दन सैनी, महावीर मीणा, एजाज नबी, अमित शर्मा और मोहम्मद आदिल फारुकी ने समन्वय के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
लोक अदालत में पहुंचे उपभोक्ताओं ने कहा कि न्याय टेबल पर लोक अदालत की भावना मजबूत हुई है। उन्हें त्वरित न्याय मिलने के साथ-साथ वर्षों की मुकदमेबाजी से भी स्थायी राहत मिली है।





