झुंझुनूं: अपनी बहादुरी और असाधारण सेवाओं से अपराधियों के दिलों में खौफ पैदा करने वाले झुंझुनूं पुलिस के जवान शशिकांत शर्मा ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) चिड़ावा के प्रभारी शशिकांत को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए दूसरा गैलेंट्री प्रमोशन दिया गया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बिपिन कुमार पांडे द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, उन्हें हेड कांस्टेबल से पदोन्नत कर सहायक उप निरीक्षक (ASI) बनाया गया है। यह प्रमोशन उनकी उस अटूट प्रतिबद्धता का सम्मान है जो उन्होंने अपराध और अपराधियों के खिलाफ दिखाई है।
कांस्टेबल से ASI तक का सफर: बहादुरी की मिसाल
मूल रूप से डूमोली कलां के रहने वाले 32 वर्षीय शशिकांत शर्मा ने महज साढ़े 12 साल के छोटे से सेवाकाल में यह असाधारण उपलब्धि हासिल की है। वह 2013 में राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे। उनकी कार्यशैली और काबिलियत को देखते हुए 2019 में उन्हें जिला स्पेशल टीम (डीएसटी) का हिस्सा बनाया गया। डीएसटी में रहते हुए उन्होंने केवल दो वर्षों में कई हार्डकोर अपराधियों, गैंगस्टरों और तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचाया। उनके इसी साहसिक प्रदर्शन के सम्मान में 2021 में उन्हें कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल के पद पर पहला गैलेंट्री प्रमोशन मिला था। अब, एक बार फिर उनकी बहादुरी को सलाम करते हुए विभाग ने उन्हें ASI के पद पर पदोन्नत किया है।
गैंगस्टरों और माफियाओं के लिए बने काल
शशिकांत शर्मा का नाम झुंझुनूं और आसपास के इलाकों में गैंगस्टरों और माफियाओं के लिए खौफ का पर्याय बन चुका है। वर्तमान में एजीटीएफ चिड़ावा कैंप के प्रभारी के रूप में, उन्होंने कई संगीन मामलों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
नशा और हथियार तस्करी पर लगाम: उन्होंने नशा और अवैध हथियारों के तस्करों के नेटवर्क को तोड़ने में कई सफल ऑपरेशनों का नेतृत्व किया।
गैंगवार पर नियंत्रण: इलाके में पनप रही गैंगवार की घटनाओं को रोकने और सक्रिय गैंग के सदस्यों की धरपकड़ में भी उनकी भूमिका सराहनीय रही।
चिड़ावा फायरिंग केस में निभाई थी अहम भूमिका
हाल ही में चिड़ावा के प्रसिद्ध ‘लालचंद पेड़े वाले’ के मालिक से फिरौती मांगने और उनकी दुकान पर फायरिंग करने के सनसनीखेज मामले ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी थी। इस मामले के आरोपियों को पकड़ने में शशिकांत शर्मा और उनकी टीम ने दिन-रात एक कर दिया और सफलतापूर्वक उन्हें गिरफ्तार किया, जिसके लिए उनकी काफी प्रशंसा हुई थी।
जिले में रचा इतिहास, सबसे कम सेवा में दो प्रमोशन
महज साढ़े 12 साल की नौकरी में दो गैलेंट्री प्रमोशन पाने वाले शशिकांत शर्मा संभवतः झुंझुनूं जिले के पहले पुलिसकर्मी बन गए हैं। हालांकि, झुंझुनूं के ही एक और जांबाज वीरेंद्र यादव को भी दो गैलेंट्री प्रमोशन मिल चुके हैं, लेकिन शशिकांत ने यह उपलब्धि उनसे काफी कम सेवा अवधि में हासिल की है। उनकी यह सफलता पुलिस विभाग के अन्य युवा जवानों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गई है।





