झांसी, उत्तर प्रदेश: झांसी-ललितपुर मार्ग पर मंगलवार देर शाम एक भीषण सड़क हादसे में तीन युवकों की मौत हो गई। हादसा उस समय हुआ जब ललितपुर से सगाई समारोह में शामिल होकर लौट रही स्विफ्ट डिजायर कार (यूपी 16 एएन 6253) सड़क किनारे खड़े ट्रक (यूपी 94 टी 1616) से जा टकराई। टक्कर इतनी तेज थी कि कार पूरी तरह चकनाचूर हो गई। घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद कार में फंसे तीनों शवों को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेज दिया। इस हादसे से मृतकों के परिवार में कोहराम मच गया है।
सगाई की खुशियां मातम में बदली
झांसी जिले के चिरगांव क्षेत्र स्थित सिया गांव निवासी जगतराम के पुत्र करण विश्वकर्मा (24) की मंगलवार को सगाई थी। करण अपने दोस्तों प्रदुम्न सेन (25) निवासी चिरगांव और प्रदुम्न यादव (25) निवासी औपारा के साथ ललितपुर सगाई समारोह में शामिल हुआ था। समारोह संपन्न होने के बाद करण के परिवार के सदस्य अलग वाहन से घर लौटे, जबकि करण अपने दोनों दोस्तों के साथ स्विफ्ट डिजायर कार में रवाना हुआ।

हादसे का कारण और घटनास्थल का दृश्य
शाम लगभग 5 बजे जब उनकी कार झांसी-ललितपुर मार्ग पर बड़ौरा गांव के पास पहुंची, तब अचानक एक कुत्ता कार के सामने आ गया। कुत्ते को बचाने के प्रयास में कार चला रहे करण का संतुलन बिगड़ गया, जिससे कार सड़क किनारे खड़े ट्रक से जा भिड़ी। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से ट्रक में धंस गया। हादसे को देखकर वहां मौजूद लोग सन्न रह गए और तुरंत पुलिस को सूचना दी।
पुलिस की कड़ी मशक्कत के बाद निकाले गए शव
घटनास्थल पर कस्बा इंचार्ज प्रदीप कुमार शर्मा, एसआई सुनील त्रिपाठी, गंभीर सिंह, संतोष कुमार, दीवान हरेन्द्र सिंह, आशीष यादव, कांस्टेबल अमित तिवारी और चालक विनय यादव पहुंचे। साथ ही प्रशिक्षु आईपीएस और एसीपी/सीओ आलोक कुमार भाटी ने भी मौके का निरीक्षण किया। पुलिस ने कार को बाहर निकालने के लिए जेसीबी मशीन मंगाई। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद ट्रक में फंसी कार को बाहर निकाला जा सका। कार के भीतर बुरी तरह फंसे तीनों युवकों को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
खुशियों वाले घर में छाया मातम
करण के परिवार ने सुबह जिस बेटे की सगाई की खुशी मनाई थी, उसी शाम उसकी मौत की खबर सुनकर घर में मातम पसर गया। किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि जिस बेटे को हंसते-खेलते विदा किया था, वह अब कभी लौटकर नहीं आएगा। परिजन और रिश्तेदार इस दर्दनाक घटना से स्तब्ध हैं।