Monday, June 23, 2025
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जोधपुर में पीएम मोदी का संबोधन: कहा- “राजस्थान हाई कोर्ट के अस्तित्व से राष्ट्र की एकता का इतिहास जुड़ा है’

जोधपुर, 25 अगस्त 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोधपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में राजस्थान उच्च न्यायालय की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर देश की न्यायिक व्यवस्था और राष्ट्रीय एकता के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय का अस्तित्व न केवल राज्य के न्यायिक इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा है, बल्कि यह देश की एकता का प्रतीक भी है। उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान की सराहना की, जिन्होंने 500 से अधिक रियासतों को एकीकृत कर देश का एकीकरण किया, जिसमें राजस्थान की कई रियासतें शामिल थीं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जब सरदार पटेल ने इन रियासतों का एकीकरण किया, तो राजस्थान की कई रियासतों जैसे जयपुर, उदयपुर और कोटा के अपने उच्च न्यायालय थे। इन रियासतों के एकीकरण के साथ ही राजस्थान उच्च न्यायालय अस्तित्व में आया। यह राष्ट्रीय एकता हमारी न्यायपालिका की आधारशिला है। यह आधारशिला जितनी मजबूत होगी, हमारे देश की व्यवस्थाएं भी उतनी ही मजबूत होंगी।”

प्रधानमंत्री ने इस महत्वपूर्ण अवसर पर न्यायविदों और राजस्थान के निवासियों को बधाई देते हुए कहा, “राजस्थान उच्च न्यायालय ने 75 वर्ष पूरे किए हैं, और यह समय भारत के संविधान की 75वीं वर्षगांठ के साथ मेल खाता है। यह न केवल एक ऐतिहासिक घटना है, बल्कि उन महान लोगों के योगदान का जश्न भी है जिन्होंने न्याय के प्रति अपनी निष्ठा दिखलाई है। यह हमारे संविधान के प्रति हमारी आस्था और न्याय के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रीय एकता भारत की न्यायपालिका की आधारशिला है। उन्होंने कहा कि यह देश की समग्र व्यवस्था को मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय की स्थापना राष्ट्रीय एकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इससे पहले राज्य की कई रियासतों के पास अपने स्वयं के उच्च न्यायालय थे। इस एकीकरण ने भारत के न्यायिक ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा, “यह कार्यक्रम हमें भारत में एकीकृत न्यायिक प्रणाली के निर्माण की ऐतिहासिक यात्रा की याद दिलाता है। यह मील का पत्थर न केवल एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, बल्कि यह भारत की न्यायिक अखंडता को बनाए रखने और मजबूत करने के लिए भावी पीढ़ियों के लिए एक मिसाल भी स्थापित करता है।”

प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों को धन्यवाद दिया और इस ऐतिहासिक यात्रा का हिस्सा बनने के लिए न्यायविदों, कानूनविदों, और राजस्थान के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा, “यह उत्सव हमारे संविधान में अटूट विश्वास और न्याय के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के संविधान और न्यायिक प्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि यह संविधान हमारे देश की एकता और अखंडता का प्रतीक है और इसे मजबूत करने की जिम्मेदारी हम सबकी है।

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