सूरजगढ़: क्षेत्र की ग्राम पंचायत काजड़ा में विकास की नई इबारत लिखने वाली निवर्तमान सरपंच, प्रशासक एवं राष्ट्रीय सरपंच संघ उपाध्यक्ष मंजू तंवर का ग्राम कुम्हारों का बास में रविवार को नागरिक अभिनंदन किया जाएगा। यह कार्यक्रम केवल सम्मान समारोह नहीं, बल्कि उस ऐतिहासिक बदलाव का प्रतीक है, जिसने आजादी के बाद पहली बार इस गांव को पंचायत मुख्यालय से सड़क मार्ग से जोड़ा। विकास कार्यों की लंबी श्रृंखला और महिला नेतृत्व की मजबूत पहचान के कारण यह आयोजन क्षेत्रीय राजनीति और पंचायती राज व्यवस्था में विशेष महत्व रखता है।
ग्राम कुम्हारों का बास में दोपहर 12 बजे होगा नागरिक अभिनंदन समारोह
रविवार दोपहर 12 बजे ग्राम कुम्हारों का बास में आयोजित होने वाले नागरिक अभिनंदन समारोह को लेकर ग्रामीणों में खासा उत्साह है। गांव के सुल्तान सिंह खाटीवाल और सुनिल राजोरिया ने बताया कि यह आयोजन पंचायत में कराए गए विकास कार्यों के सम्मान में रखा गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह पहला अवसर है जब किसी सरपंच का अभिनंदन उसी सड़क से हो रहा है, जिसे उन्होंने स्वयं बनवाकर गांव को मुख्यधारा से जोड़ा।
पांच साल के कार्यकाल में बदली पंचायत काजड़ा की तस्वीर
अपने पांच वर्षीय सरपंच कार्यकाल के दौरान मंजू तंवर ने पंचायत क्षेत्र में विकास कार्यों को प्राथमिकता दी और किसी भी स्तर पर संसाधनों की कमी नहीं आने दी। ग्रामीणों के अनुसार ग्राम भापर से ग्राम कुम्हारों का बास, धमाणी जोहड़ी और ग्राम भापर से ग्राम नाथजी का कुआं की दिशा में लगभग पांच किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कराकर उन्होंने वर्षों पुरानी मांग को पूरा किया, जिसे ग्रामीण ऐतिहासिक सौगात के रूप में देख रहे हैं।
शिक्षा, संचार और मूलभूत सुविधाओं पर विशेष फोकस
पंचायत क्षेत्र में अंग्रेजी माध्यम विद्यालय की स्थापना, बीएसएनएल टावर की सुविधा, तीन इंटरलॉक सड़कें, दो पानी की टंकियां, सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण, खेल मैदान का समतलीकरण और गांव के नाम का एलईडी बोर्ड जैसे कार्यों ने पंचायत के स्वरूप को पूरी तरह बदल दिया। ग्रामीणों का मानना है कि इन कार्यों से न केवल जीवन स्तर बेहतर हुआ, बल्कि क्षेत्र का सामाजिक और शैक्षणिक वातावरण भी मजबूत हुआ।
आजादी के बाद पहली बार सड़क से जुड़ा गांव, रचा गया नया अध्याय
ग्रामीणों ने बताया कि राजस्थान में पंचायती राज व्यवस्था लागू होने के बाद से अब तक ग्राम कुम्हारों का बास कभी भी सड़क मार्ग से पंचायत मुख्यालय से नहीं जुड़ा था। मंजू तंवर के प्रयासों से यह ऐतिहासिक कमी दूर हुई और गांव ने विकास की मुख्यधारा में प्रवेश किया। ग्रामीणों के लिए यह उपलब्धि गर्व और भावनात्मक जुड़ाव का विषय बन गई है।
महिला नेतृत्व को राजनीति में आगे बढ़ाने की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि मंजू तंवर जैसी प्रतिभाशाली और क्रांतिकारी महिलाओं को न केवल सम्मान मिलना चाहिए, बल्कि राष्ट्रहित में राजनीति में आगे बढ़ने के अवसर भी मिलने चाहिए। ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि वे हमेशा तन-मन-धन से उनके साथ खड़े रहेंगे और उनके नेतृत्व पर भरोसा बनाए रखेंगे।





