झुंझुनू, 22 दिसम्बर 2024: वर्ष 2024 की अंतिम लोक अदालत में झुंझुनूं का जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग एक बार फिर प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहा। इससे पहले आयोजित लोक अदालत में भी झुंझुनूं जिले ने यह उपलब्धि हासिल की थी। रविवार को जिला मुख्यालय पर आयोजित इस लोक अदालत में 328 प्रकरणों का निस्तारण किया गया, जो प्रदेश भर में सर्वाधिक रहा।
बेंच का नेतृत्व
इस लोक अदालत की अध्यक्षता जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपा गुर्जर और जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार मील की बेंच ने की। निस्तारित प्रकरणों में विद्युत विभाग (एवीवीएनएल), बीमा कंपनियों, बैंकों, गैस एजेंसियों, जलदाय विभाग, परिवहन विभाग, टोल टैक्स और कोचिंग सेंटरों से संबंधित मामले शामिल रहे। दोनों पक्षों के बीच समझौता कराते हुए लोक अदालत की भावना के अनुरूप प्रकरणों का समाधान किया गया।
न्याय टेबल पर अहम भूमिका
न्याय टेबल पर एवीवीएनएल के संभागीय मुख्य अभियंता लक्ष्मण सिंह के मार्गदर्शन में अधीक्षण अभियंता महेश कुमार टीबड़ा, अधिशासी अभियंता सुरेंद्र धनखड़ और पीके मीणा ने विशेष योगदान दिया। विधि अधिकारी प्रज्ञा कुल्हार, सहायक अभियंता अनिल कालेर, महेश सैनी, प्रदीप जांगिड़, कनिष्ठ अभियंता अमित वर्मा, निगम कर्मचारी सत्यवीर, इकबाल अली, सुमित्रा यादव, राजेश जांगिड़, विक्रम यादव और योगेश कुमार के सकारात्मक प्रयासों से बड़ी संख्या में प्रकरणों का निस्तारण हुआ।
नवाचार और सफलता
आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार मील ने बताया कि न्याय टेबल के नवाचार ने इस बार भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके माध्यम से बड़े पैमाने पर मामलों को सुलझाने में सफलता मिली। इस नवाचार की सफलता अन्य जिलों में भी देखने को मिली, जहां सीकर जिला आयोग ने न्याय टेबल के जरिए 57 प्रकरणों का निस्तारण किया।
उपभोक्ताओं का मिला न्याय
लोक अदालत के माध्यम से उपभोक्ताओं को त्वरित और सुलभ न्याय दिलाने का प्रयास सफल रहा। यह आयोजन उपभोक्ता अधिकारों के प्रति आयोग की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में भी उपभोक्ताओं को न्याय दिलाने के लिए इस तरह के नवाचार जारी रहेंगे।