नई दिल्ली: फिलहाल भारत के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ हैं। भारतीय सुप्रीम कोर्ट के अगले चीफ जस्टिस बनने वाले जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने अपने एक लेक्चर के दौरान डॉ. भीमराव आंबेडकर को अपनी जजीवन में भूमिका देने वाले व्यक्ति माना है। बता दें कि जस्टिस गवई दलित समुदाय से आने वाले दूसरे ऐसे शख्स होंगे जो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बनेंगे।
जस्टिस गवई ने अपने भाषण में कहा, “सिर्फ डॉ. भीमराव आंबेडकर की वजह से ही मैं जज बन पाया।” वह उन्होंने झुग्गी-बस्ती में सरकारी स्कूल से पढ़ाई की है और इस वजह से उन्हें संविधान के अनुच्छेद 32 का भी जिक्र करते हुए कहा, “संविधान का श्रेय सीधे डॉ. आंबेडकर को जाता है।”
जस्टिस गवई ने सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग केसों पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि अगर सभी याचिकाएं सीधे हाई कोर्ट भेजी जाएंगी तो सुप्रीम कोर्ट की प्राथमिकताएं टूट जाएंगी।
बी आर गवई 2019 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे, जबकि पहले वह बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में वकालत करते रहे थे। उनके पिता आर एस गवई भी डॉ. भीमराव आंबेडकर के साथ काम कर चुके हैं और उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (गवई) की स्थापना भी की थी।
जस्टिस गवई दलित समुदाय के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हैं और वे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में उन्हें बड़ा उपहार समझते हैं। उन्होंने अपने भाषण में अपने जीवन की संघर्ष की भी बात की और आम लोगों को संविधान के मौलिक अधिकारों का सम्मान करने की अपील की।
समाचार के अनुसार, इस भाषण के बाद जस्टिस गवई का नाम सुप्रीम कोर्ट के अगले चीफ जस्टिस के रूप में मनोनीत किया जाने की संभावना है।