चिड़ावा: पिलानी रोड स्थित श्रीधर यूनिवर्सिटी के विधि विभाग ने 15 नवंबर 2024 को जयपुर सेंट्रल जेल का दौरा किया। इस दौरे का नेतृत्व प्रो-वाइस चांसलर ओ.पी. गुप्ता और पी.आर.ओ. मोहित छाबड़ा ने किया। इस पहल का उद्देश्य कैदियों में कानूनी जागरूकता बढ़ाना और उनके पुनर्वास के लिए शैक्षणिक कार्यक्रम शुरू करने की संभावनाओं पर चर्चा करना था।
कानूनी जागरूकता और पुनर्वास पर चर्चा
मूट कोर्ट प्रभारी लोकेश शर्मा की देखरेख में कैदियों के लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर चर्चा की गई:
- कैदियों में कानूनी शिक्षा और जागरूकता का विस्तार।
- पुनर्वास के लिए शैक्षणिक और व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की शुरुआत।
- शैक्षणिक संस्थानों और सुधार गृहों के बीच सहयोग को सुदृढ़ करना।
इस चर्चा का संचालन विधि विभाग के प्रमुख सुधीर दहिया और सहायक प्रोफेसर अंकित पापटान ने किया।
जेल दौरे में छात्रों का प्रतिनिधित्व
इस दौरे में विधि विभाग के कई छात्र शामिल हुए, जिनमें अमन, अनंत राम, बलबीर सिंह, कैलाश लुणीवाल, गजेंदर, गौरव शर्मा, जोगेन्दर सिंह, जुनैद कश्यप, धीरज, नमन सैनी, नमन गर्ग, नरेश कटारिया, नितीश, निशांत, पंकज लाम्बा, प्रेमबीर, प्रीतम, राहुल सोनी, रहीश, रघुबीर कालेर, रोहित, सुमन, सतबीर, संतोष, सहदेव राठौड़, सुनील कुमार, किशनपाल, कमला, मुरलीधर नाई, महेश यादव और विनय यादव प्रमुख रूप से शामिल थे।
प्रो-वाइस चांसलर ने दिया प्रेरक संदेश
प्रो-वाइस चांसलर ओ.पी. गुप्ता ने कहा, “विधि छात्रों के लिए व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करना आवश्यक है। जयपुर सेंट्रल जेल का यह दौरा उनके लिए सीखने का एक अनूठा अनुभव है। यह न केवल उनके कानूनी ज्ञान को गहराई देगा बल्कि समाज में सुधारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में भी मदद करेगा।”
समाज सुधार में शिक्षा की भूमिका
छात्रों ने जेल अधिकारियों और कैदियों से मुलाकात कर उनके सामने आने वाली कानूनी और सामाजिक चुनौतियों को समझा। यह दौरा श्रीधर यूनिवर्सिटी की समाज में शिक्षा के माध्यम से सुधारात्मक भूमिका निभाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
शैक्षणिक और सुधारात्मक पहल का संकल्प
यह दौरा विधि विभाग द्वारा भविष्य में जेलों और अन्य सुधार गृहों के साथ सहयोग बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विश्वविद्यालय की यह पहल न केवल छात्रों को व्यावहारिक अनुभव देती है बल्कि समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान में भी योगदान देती है।