नारायणपुर, छत्तीसगढ़: राज्य के घने जंगलों वाले अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच बुधवार सुबह से जबरदस्त मुठभेड़ जारी है। प्रारंभिक सूचना के अनुसार, इस मुठभेड़ में 30 से अधिक नक्सलियों के मारे जाने की खबर है, जबकि एक सुरक्षाकर्मी शहीद हुआ है। यह मुठभेड़ नारायणपुर जिले के जाटलूर इलाके में चल रही है, जो माओवादियों का गढ़ माना जाता है।

ऑपरेशन की पृष्ठभूमि
नारायणपुर के एसपी प्रभात कुमार ने जानकारी दी कि उन्हें माओवादी संगठन के ‘माड़ डिवीजन’ के शीर्ष कैडर की उपस्थिति की खुफिया सूचना मिली थी। इस सूचना के आधार पर DRG (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंडागांव के सुरक्षाबलों द्वारा एक संयुक्त ऑपरेशन की शुरुआत की गई।
सुबह होते ही सुरक्षाबलों ने जंगलों में अभियान छेड़ा, जिसके दौरान नक्सलियों से आमना-सामना हुआ और भीषण मुठभेड़ शुरू हो गई। सुरक्षाबलों ने माओवादियों को चारों ओर से घेर लिया है और अब भी मुठभेड़ जारी है।
बीजापुर में भी मारे गए थे 5 नक्सली
इस ऑपरेशन से कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा जंगल में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें 5 नक्सली मारे गए थे। यह घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि सुरक्षा बलों द्वारा देश के सबसे खतरनाक नक्सली गढ़ों में से एक माने जाने वाले क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है।

संयुक्त सुरक्षा बलों की भूमिका
इस ऑपरेशन में छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र के सुरक्षाबलों की हजारों की संख्या में टुकड़ियां शामिल हैं। स्थानीय DRG के साथ-साथ सीआरपीएफ, कोबरा कमांडो, और एसटीएफ भी इस ऑपरेशन का हिस्सा हैं। अधिकारियों के अनुसार, मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों के शव बरामद किए जा रहे हैं और क्षेत्र में तलाशी अभियान जारी है।
घटना की पुष्टि और अगली कार्रवाई
घटना की विस्तृत जांच जारी है और सुरक्षा बलों ने संभावित रूप से माओवादियों के बड़े नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में यह एक अहम सफलता माना है। कुछ मारे गए नक्सलियों की पहचान माओवादियों के वांछित कमांडरों के रूप में होने की संभावना भी जताई जा रही है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है।