रंग-बिरंगे माहौल में निकली विशाल निशान शोभायात्रा, श्रद्धालुओं ने की बाबा श्याम की आराधना
चिड़ावा। श्री श्याम नवयुवक मित्र मंडल द्वारा आयोजित 25वें विशाल बसंत महोत्सव का भव्य समापन सोमवार को हुआ। महोत्सव के अंतिम दिन बाबा श्याम प्रभु की विशाल निशान शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। श्रद्धा और भक्ति से परिपूर्ण इस शोभायात्रा में हजारों की संख्या में महिला और पुरुष श्रद्धालु केसरिया निशान थामे जयकारों के साथ शामिल हुए।
महाकालेश्वर मंदिर से रवाना हुई यात्रा
निशान शोभायात्रा की शुरुआत पिलानी रोड स्थित अडूकिया स्कूल के पास महाकालेश्वर मंदिर से हुई। यात्रा में श्रद्धालु नाचते-गाते, श्याम बाबा के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़े। इस दौरान श्रद्धालु केसरिया ध्वज थामे पूरी आस्था के साथ बाबा श्याम के रंग में रंगे नजर आए।
झांकियों ने मोहा मन, कलाकारों ने दी आकर्षक प्रस्तुतियां
यात्रा में आकर्षक झांकियों ने लोगों का ध्यान खींचा। बाबा श्याम, राधा-कृष्ण, नंदी पर विराजमान महाकाल और अघोरी की झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रही। शोभायात्रा पिलानी रोड, कबूतर खाना, पुरानी तहसील रोड और राजकला कॉम्प्लेक्स से होते हुए विवेकानंद चौक पहुंची। यहां बाहर से आए कलाकारों ने भक्ति गीतों और नृत्य प्रस्तुतियों से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्य बाजार से होती हुई श्याम मंदिर पहुंची यात्रा
विवेकानंद चौक से शोभायात्रा मुख्य बाजार, धाबाई जी का टेकड़ा होते हुए पुरानी बस्ती स्थित श्याम मंदिर पहुंची। वहां श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव के साथ 501 निशान श्याम प्रभु के चरणों में अर्पित किए। इस दौरान भक्तों ने श्याम प्रभु के जयकारों से वातावरण को भक्तिमय कर दिया।
सजावट में झलकी बसंत की रंगत
बसंत महोत्सव के अवसर पर चिड़ावा शहर को रंग-बिरंगे गुब्बारों से सजाया गया था। विवेकानंद चौक पर चारों ओर विशेष सजावट की गई, जो श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनी रही। पूरे मार्ग को बसंती रंगों से सजा देख श्रद्धालुओं में अतिरिक्त उत्साह देखने को मिला।
हजारों श्रद्धालुओं ने लिया श्याम बाबा का आशीर्वाद
इस भव्य आयोजन में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। सभी ने श्याम प्रभु के चरणों में नमन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। बसंत महोत्सव के रंग में रंगे श्रद्धालु पूरी यात्रा के दौरान भक्ति गीत गाते और नाचते रहे।
आयोजन की भव्यता ने छोड़ी गहरी छाप
25वें बसंत महोत्सव ने चिड़ावा के धार्मिक और सांस्कृतिक परिदृश्य पर अपनी गहरी छाप छोड़ी। आयोजन में दिखी श्रद्धालुओं की भागीदारी और भक्ति भावना इस महोत्सव की सफलता का प्रमाण रही। महोत्सव का समापन श्याम प्रभु के जयकारों और भक्तों की आस्था के साथ हुआ, जिसने पूरे शहर को भक्ति के रंग में रंग दिया।