चिड़ावा: भारतीय जनसंघ के संस्थापक और भारतीय राजनीति के प्रखर राष्ट्रवादी विचारक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर रविवार को चिड़ावा के विवेकानंद चौक पर एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन नगर अध्यक्ष नरेंद्र गिरधर और पूर्व नगर अध्यक्ष बाबूलाल वर्मा के नेतृत्व में हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, युवा कार्यकर्ता और भाजपा पदाधिकारी शामिल हुए।
सभा की शुरुआत डॉ. मुखर्जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर की गई, जिसके पश्चात उपस्थित जनों ने राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए दिए गए उनके योगदान को स्मरण किया। वक्ताओं ने डॉ. मुखर्जी के जीवन को राष्ट्र के प्रति समर्पण और वैचारिक प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी का संघर्ष विशेष रूप से कश्मीर नीति और भारतीय एकता के पक्ष में ऐतिहासिक रहा, जो आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणा है।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को राष्ट्रीय चेतना, सांस्कृतिक मूल्यों और समाजसेवा के प्रति प्रेरित करना रहा। वक्ताओं ने यह भी कहा कि ऐसे आयोजन आने वाली पीढ़ियों को उन बलिदानों से जोड़ते हैं, जिनकी बदौलत आज हम एक मजबूत राष्ट्र के रूप में खड़े हैं। सभी ने यह संकल्प लिया कि डॉ. मुखर्जी की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा और उनके सिद्धांतों पर चलकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जाएगा।
कार्यक्रम में पंकज मिश्रा, रजनीकांत मिश्रा, पीयूष बाछुका, बुद्धराम, गंगाधर, रामचंद्र शर्मा, डॉ बी.एल. वर्मा, रमेश स्वामी, पवन शर्मा नवहाल, मोहित तामड़ायत, अंकित भगेरिया, अशोक शर्मा, आयुष मुरोलिया, सुनील भड़िया, संदीप अरडावतीया, अरुण दाधीच, मुकेश खंडेलवाल, हरीश सोलंकी, हरिसिंह पंवार, राजेंद्रपाल सिंह कोच, आशु स्वामी और अशोक तंवर सहित अन्य नागरिक और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
वक्ताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि डॉ. मुखर्जी ने जिस बलिदान भाव से देश के लिए कार्य किया, वह आज भी प्रत्येक राष्ट्रभक्त को अपने कर्तव्यों की याद दिलाता है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से न केवल इतिहास को जीवित रखा जा सकता है, बल्कि भावी पीढ़ी को एक दिशा और उद्देश्य भी दिया जा सकता है।