चिड़ावा: शहर में सोमवार सुबह हरिनाम प्रभात फेरी परिवार की नियमित प्रभात फेरी का समापन एक गंभीर सामाजिक संदेश के साथ हुआ। प्रभात फेरी के पश्चात कल्याण प्रभु मंदिर चौक पर एकत्रित होकर सदस्यों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार, हिंदू युवक की हत्या, और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार उल्लंघन के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेश के खिलाफ नारे लगाए गए और वहां पीड़ित हिंदू समुदाय के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की गई।
प्रभात फेरी के बाद विरोध प्रदर्शन में बदली धार्मिक साधना
हरिनाम प्रभात फेरी परिवार चिड़ावा द्वारा प्रतिदिन की तरह सोमवार सुबह प्रभात फेरी आयोजित की गई। किंतु आज प्रभात फेरी का समापन सामान्य नहीं रहा। फेरी के बाद सभी सदस्य कल्याण प्रभु मंदिर चौक पर एकत्र हुए, जहां बांग्लादेश हिंसा, हिंदुओं पर अत्याचार, और धार्मिक उत्पीड़न के खिलाफ विरोध दर्ज कराया गया। उपस्थित लोगों ने एक स्वर में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा की मांग उठाई।
बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या पर जताया आक्रोश
प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेश में एक हिंदू युवक को सार्वजनिक रूप से जलाए जाने की घटना को लेकर तीव्र आक्रोश व्यक्त किया गया। इस घटना में पीड़ित युवक दीपूचंद्र दास को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सभी उपस्थित लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की और इस घटना को मानवता के विरुद्ध अपराध बताया।
शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल हुए सामाजिक व धार्मिक कार्यकर्ता
इस विरोध प्रदर्शन में हरिनाम प्रभात फेरी परिवार के अनेक सदस्य सक्रिय रूप से शामिल रहे। कार्यक्रम में मोहन अग्रवाल, राकेश गुप्ता, आनंद खेतान, कमलेश शर्मा, देवानंद चौधरी, महेश शर्मा धन्ना, सुभाष पंवार, रमेश कोतवाल, ओम जालिंद्र, पंकज वर्मा, अमित वर्मा, प्रमोद शर्मा, दीपक सैन, अजय चौमल, कैलाश सैनी, ख्याति केडिया, मंजू (माइकल) वर्मा, आनंदी सहित अन्य सदस्यों ने सहभागिता निभाई। सभी ने एकजुट होकर हिंदू समाज पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद की।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान देने की उठी मांग
प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे कथित अत्याचारों को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करने की आवश्यकता जताई। उपस्थित लोगों का कहना था कि धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा वैश्विक जिम्मेदारी है और इस विषय पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ठोस कार्रवाई होनी चाहिए।
प्रदर्शन रहा पूर्णतः शांतिपूर्ण
पूरे कार्यक्रम के दौरान माहौल शांतिपूर्ण रहा। किसी प्रकार की अव्यवस्था नहीं हुई और सभी प्रतिभागियों ने अनुशासन व सामाजिक मर्यादा बनाए रखते हुए विरोध प्रदर्शन किया।





