चिड़ावा: कस्बे के पंचायत समिति सभागार में आत्मा परियोजना के अंतर्गत खरीफ पूर्व कृषक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्र के 100 से अधिक किसानों ने भाग लिया। संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य किसानों को नवीन कृषि तकनीकों, जल संरक्षण उपायों और रसायन मुक्त खेती के विकल्पों से परिचित कराना था।
संगोष्ठी के दौरान कृषि वैज्ञानिकों और विभागीय अधिकारियों ने जैविक खेती, मौसमी रोगों से फसलों की सुरक्षा और प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर प्रबंधन पर व्याख्यान दिए। विशेषज्ञों ने किसानों को बताया कि जैविक खेती के माध्यम से मिट्टी की उर्वरता लंबे समय तक बनी रहती है और इससे उत्पादन की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक बलबीर लमोरिया ने उद्यान विभाग की अनुदानित योजनाओं, सब्जी उत्पादन, बागवानी व जैविक खेती के लाभों पर जानकारी दी। उन्होंने किसानों को इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रेरित किया। पशुपालन विभाग से जुड़े अनिल सियारण ने मवेशियों के लिए मंगला बीमा योजना, सामान्य बीमारियों से बचाव के उपाय और आपदा के समय बीमा की भूमिका पर विस्तार से बताया।
सहायक कृषि अधिकारी अनिल स्वामी ने खेती से संबंधित सरकारी योजनाओं, उनके आवेदन की प्रक्रिया और किसानों के लिए उपलब्ध संसाधनों के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने किसानों से योजनाओं का लाभ उठाकर खेती को लाभकारी बनाने की अपील की।
कार्यक्रम में रक्षा कुमारी, कंचन चौधरी, पुष्पेंद्र, संजय कुमार, शंकरलाल, चतरसिंह भालोठिया और सुनाराम सहित अनेक कृषि अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने किसानों की जिज्ञासाओं का समाधान किया और क्षेत्रीय जरूरतों के अनुसार तकनीकी सुझाव दिए।
संगोष्ठी का संचालन मनोज तिलोटिया ने किया। कार्यक्रम के समापन पर उत्कृष्ट कृषि कार्य करने वाले किसानों का सम्मान किया गया, जिससे अन्य किसानों को भी प्रोत्साहन मिला।