चिड़ावा: रविवार दोपहर बाद हुई मामूली बारिश ने ही चिड़ावा में नगर पालिका की सफाई व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। शहर की सड़कों पर नाले अवरूद्ध होने के चलते जगह-जगह कीचड़ व गंदगी का आलम नजर आया।

गलियों में ही नहीं भीड़भाड़ वाले बाजार में भी बारिश के चलते गंदा पानी सड़कों पर आ गया। उप जिला अस्पताल के मुख्य द्वार के सामने पानी भरने से अस्पताल आने वाले मरीज व उनके परिजनों को परेशानी हुई। इसके अलावा एसडीएम ऑफिस के पास, पिलानी रोड़ पर एसबीआई बैंक के सामने, एक्सिस बैंक के सामने, चीनी गोदाम, देवी जी मन्दिर के पास, बस स्टैंड, सूरजगढ़ मोड़ सहित शहर के कई इलाकों में हल्की बारिश से ही जलभराव जैसे हालात नज़र आए।

गली मोहल्लों में तो सफाई व्यवस्था का यह हाल है कि महीनों से नालियां चोक पड़ी है। मुख्य बाजारों की भी नालियों की सफाई नहीं की जा रही है। बरसात के बाद पॉलीथिन, प्लास्टिक और कचरे से अटी पड़ी नालियों की गन्दगी सड़कों पर दुकानों और मकानों के सामने आ गई।

बरसात के बाद जब शहर के अलग-अलग इलाकों से लोगों ने गन्दगी की जानकारी दी, तब यह सामने आया कि उपखण्ड अधिकारी कार्यालय के बिल्कुल पास केड़िया बोर्डिंग के सामने नाले में 2 दिन से मरा हुआ कुत्ता अटका हुआ है। वार्ड मेम्बर सहित नगरपालिका ईओ, चेयरमैन, एसआई और सफाई ठेकेदार आदि सब जिम्मेदार जब शहर के बीचोंबीच एसडीएम ऑफिस के पास सफाई नहीं करवा सकते, तो बाकी इलाकों का क्या हाल होगा यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।

सफाई कर्मचारियों से नाली सफाई के लिए कहे जाने पर जवाब मिलता है कि पूरे शहर मे चार सौ गलियां है, किस किस गली की सफाई करें?

लगता है शहर की आम जनता के दर्द और तकलीफों से नगर पालिका को कोई सरोकार नहीं है। पालिका प्रशासन द्वारा शहर की सफाई व्यवस्था के नाम पर लाखों रुपए की बंदरबांट की जाती है, लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और है।