चिड़ावा, 21 अप्रैल 2025: शहर के कई वार्डों में भीषण गर्मी के बीच पीने के पानी की समस्या गंभीर बनती जा रही है। वार्ड 7, 8, 9, 15, 16 और 20 में रहने वाले लोग बीते कई दिनों से पानी की किल्लत का सामना कर रहे हैं, लेकिन जलदाय विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। लोग रोजाना विभाग के चक्कर काट रहे हैं, पर हर बार उन्हें केवल आश्वासन ही मिलता है।
हर दिन का सिलसिला बन गई है शिकायत, फिर भी नहीं हो रहा समाधान
सोमवार को भी दर्जनों महिलाएं और पुरुष जलदाय विभाग पहुंचे और अपनी परेशानी साझा की। उन्हें एक बार फिर वही जवाब मिला कि “एक-दो दिन में पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा”। लोगों का कहना है कि विभाग की यह प्रतिक्रिया पिछले एक महीने से लगातार सुनने को मिल रही है लेकिन जमीनी स्तर पर कोई सुधार नहीं हो रहा।

वार्डवासियों का आक्रोश, कहा— जिम्मेदार कुर्सियों से नदारद
वार्ड 20 की महिलाएं कहती हैं कि “पूरे वार्ड में एक जैसा हाल है, किसी के घर में पीने का पानी नहीं है। नल आते नहीं, टैंकर भी नहीं पहुंचता। आखिर हम शिकायत लेकर किसके पास जाएं?”
वहीं टीवी टावर के पीछे वार्ड 7 और 8 के निवासियों ने बताया कि उनके इलाके में 28 फरवरी के बाद से एक बूंद भी पानी नहीं आया। इस संबंध में तीन बार विभाग में शिकायत की जा चुकी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कलेक्टर के निर्देश भी हो रहे नजरअंदाज
वार्ड 9, 15, 16 और 20 के निवासी राधेश्याम वर्मा, बालकिशन शर्मा, गंगाधर वर्मा, बिल्लूराम वर्मा, सीताराम वर्मा, नरेश कुमावत, राजू वर्मा, सुभाष वर्मा, विनोद वर्मा, नथमल शर्मा और जोगेंद्र कुमावत ने बताया कि विभागीय अधिकारी हमेशा गैरहाजिर रहते हैं, जबकि अधीनस्थ कर्मचारी केवल आश्वासन देकर टालते रहते हैं।
यह स्थिति तब है जबकि पिछले सप्ताह ही जिला कलेक्टर रामावतार मीणा ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि पानी की समस्या का प्राथमिकता से समाधान किया जाए।
लोग बोले— अब आंदोलन ही एकमात्र रास्ता
वार्ड 7 और 8 से विभाग पहुंचे धर्मपाल, सुंदरलाल, सतवीर, करण सिंह, राजेंद्र, प्रदीप सहित अन्य लोगों का कहना था कि अब आंदोलन ही एकमात्र विकल्प बचा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही समस्या का समाधान नहीं किया गया तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।

गर्मी की शुरुआत में ही हालत खराब, आगे हालात और बिगड़ने की आशंका
फिलहाल गर्मी का मौसम प्रारंभिक अवस्था में है, लेकिन जलदाय विभाग की निष्क्रियता से लोगों में आक्रोश है। यदि अब भी विभाग ने उचित कदम नहीं उठाए तो आने वाले चार से पांच महीने और ज्यादा संकट भरे हो सकते हैं।