Monday, June 23, 2025
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चिड़ावा का भगेरिया परिवार: राजनीति और समाज सेवा का लंबा इतिहास

चिड़ावा (झुन्झुनू): 22 जनवरी, 2025, चिड़ावा शहर के सम्मानित परिवारों की बात करें तो यह जिक्र यहां के भगेरिया परिवार के बिना अधूरा है। इस परिवार ने पिछले कई दशकों से राजनीति और समाज सेवा के क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ी है।

स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्रीय नेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध

परिवार के सदस्य मातादीन भगेरिया स्वतंत्रता सेनानी, लेखक और साहित्यकार होने के साथ-साथ नवभारत टाइम्स के ऑल इंडिया संपादक भी रहे। उनके निवास पर भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद राखी बंधवाने आते थे। मातादीन भगेरिया के पास प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति निवास का ग्रीन कार्ड था, जो उन्हें किसी भी समय इन निवासों पर जाने की अनुमति देता था। वे राजस्थान के पहले मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में भी शामिल थे, लेकिन एक साजिश के तहत उनका नाम इस दौड़ से हटा दिया गया।

चिड़ावा की राजनीति में सक्रिय भूमिका

भगेरिया परिवार के सदस्य चिड़ावा की राजनीति में भी सक्रिय रहे हैं। गोविंद भगेरिया 1925 में चिड़ावा पंचायत के सदस्य रहे। अरुण कुमार भगेरिया ने 1976 में नगर पालिका का पहला चुनाव जीता और दो बार पार्षद रहे। संत कुमार भगेरिया नगर कांग्रेस कमेटी से जुड़े रहे। ललित भगेरिया दो बार नगर पालिका के सदस्य रहे, चिड़ावा लियो क्लब के अध्यक्ष रहे और भाजपा के जिला उपाध्यक्ष भी रहे। उनकी पत्नी ललिता देवी भगेरिया नगर पालिका में उपाध्यक्ष और अध्यक्ष रही। अनूप भगेरिया चिड़ावा भाजपा के अध्यक्ष, बीजेपी के नगर पालिका पार्षद और नगर पालिका नेता प्रतिपक्ष रहे। अनुज भगेरिया भाजपा युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष रहे और ज़ी न्यूज़ में रिपोर्टर के रूप में भी काम कर चुके हैं। वर्तमान में प्रेम अनुज भगेरिया और अंकित भगेरिया नगर पालिका के पार्षद हैं।

समाज सेवा के प्रति समर्पण

भगेरिया परिवार सदैव समाज सेवा के कार्यों में अग्रणी रहा है। इस परिवार की पीढ़ी दर पीढ़ी चिड़ावा शहर के विकास और कल्याण के लिए कार्य करती रही है। आज भी चिड़ावा नगरी में यह परिवार अपने सामाजिक कार्यों के लिए जाना जाता है।

भगेरिया परिवार का इतिहास राजनीति और समाज सेवा का एक गौरवशाली इतिहास है। इस परिवार के सदस्यों ने चिड़ावा शहर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनका समर्पण और निष्ठा प्रेरणादायी है।

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