चिड़ावा, 8 जून 2025: क्षेत्र के सबसे बड़े और व्यस्ततम राजकीय उप जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं लगातार सवालों के घेरे में हैं। अस्पताल में साफ-सफाई की कमी और संसाधनों के अभाव के चलते मरीजों को रोजाना परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में अस्पताल में उपयोग किए जा रहे स्ट्रेचरों की स्थिति ने एक बार फिर व्यवस्थाओं की पोल खोल दी।

मिली जानकारी के अनुसार उप जिला अस्पताल में मरीजों को इमरजेंसी या मुख्य द्वार से वार्ड तक पहुंचाने के लिए मात्र दो स्ट्रेचर ही उपलब्ध हैं। इनमें से एक स्ट्रेचर की हालत इतनी खराब है कि वह स्वयं मरम्मत की मांग कर रहा है। उक्त स्ट्रेचर को रस्सियों से बांधकर किसी तरह उपयोग में लिया जा रहा है, जो किसी भी वक्त मरीज की जान के लिए खतरा बन सकता है।
दूसरा स्ट्रेचर भी साफ-सफाई के अभाव का शिकार है। शनिवार रात अस्पताल में एक दुर्घटना के घायल मरीज को इसी स्ट्रेचर के माध्यम से लाया गया। लेकिन उसका खून रविवार सुबह तक स्ट्रेचर पर लगा रहा, जिसे समय पर साफ नहीं किया गया। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। यदि ऐसे हालात में किसी अन्य मरीज को स्ट्रेचर की आवश्यकता पड़ती है, तो उसे या तो इंतजार करना पड़ेगा या फिर खून सने उसी स्ट्रेचर का उपयोग करना होगा।

स्थानीय नागरिकों ने अस्पताल प्रशासन से बार-बार संसाधनों की उपलब्धता और सफाई व्यवस्था सुधारने की मांग की है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। यह स्थिति न केवल प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि मरीजों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के साथ भी समझौता है।
इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन लगातार सामने आ रही ऐसी घटनाएं जन स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी सच्चाई को उजागर करती हैं। अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं को देखते हुए अब यह जरूरी हो गया है कि उच्च स्तर पर इस दिशा में संज्ञान लिया जाए और सुधार के प्रयास तेज किए जाएं।