चिड़ावा: उप जिला अस्पताल में गुरुवार को क्षय रोग नियंत्रण अभियान के तहत 26 टीबी मरीजों को निक्षय पोषण किट वितरित की गई। इस स्वास्थ्य पहल का उद्देश्य मरीजों की इम्यूनिटी बढ़ाना, पोषण स्तर सुधारना और टीबी उपचार को प्रभावी बनाना था। कार्यक्रम में डॉक्टरों और भामाशाहों ने मरीजों को पोषण, टीबी जागरूकता, उपचार अवधि, और दवाओं के नियमित सेवन के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
चिड़ावा उप जिला अस्पताल में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता भामाशाह धारना शर्मा ने की, जबकि जीवनी सोनोग्राफी और भारत लैब की ओर से पूजन कुमार, पंकज नूनिया और अशोक ने टीबी मरीजों को आवश्यक खाद्य सामग्री से भरपूर पोषण किट प्रदान किए। किट में शामिल पौष्टिक वस्तुएं मरीजों की शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होंगी।
अस्पताल के पीएमओ डॉक्टर नितेश जांगिड़ ने उपस्थित मरीजों को बताया कि टीबी उपचार में दवाइयों के साथ-साथ संतुलित भोजन बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पौष्टिक आहार मरीजों को तेजी से स्वस्थ होने में मदद करता है और शरीर को टीबी बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता देता है।
कार्यक्रम के दौरान टीबी सुपरवाइजर मुकेश कुमार ने टीबी के लक्षण, जांच प्रक्रिया, उपचार की समयावधि और दवाइयों को नियमित रूप से लेने के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने उपचार के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों और टीबी संक्रमण से बचाव के उपायों पर भी जागरूक किया।
कार्यक्रम के अंत में डॉट्स प्रोवाइडर सुमित्रा पूनिया ने इस सामाजिक पहल में सहयोग देने के लिए भामाशाह धारना शर्मा, जीवनी सोनोग्राफी, भारत लैब और सभी स्वास्थ्यकर्मियों का धन्यवाद दिया। उन्होंने टीबी मरीजों के लिए ऐसे कार्यक्रमों को महत्वपूर्ण बताया।




