23 जून 2025: गुजरात, पंजाब, पश्चिम बंगाल और केरल की कुल पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव कराए गए। इन उपचुनावों के परिणामों ने विभिन्न राजनीतिक दलों की स्थिति को स्पष्ट रूप से दर्शाया। गुजरात में भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी को एक-एक सीट पर जीत मिली। वहीं, पंजाब की लुधियाना पश्चिम सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार संजीव अरोड़ा विजयी हुए। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और केरल में कांग्रेस ने सफलता प्राप्त की।
लुधियाना पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के संजीव अरोड़ा ने जीत हासिल की। परिणाम के बाद अरोड़ा ने रिटर्निंग अधिकारी से जीत का प्रमाण-पत्र प्राप्त किया और अपनी जीत को लुधियाना के विकास के नाम समर्पित किया। उनकी पत्नी संध्या अरोड़ा ने कहा कि इस क्षेत्र में अब विकास कार्यों को गति मिलेगी क्योंकि जनता ने विकास के नाम पर मतदान किया है। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जनता ने भाजपा और कांग्रेस को नकार दिया है। केजरीवाल से जब राज्यसभा भेजे जाने की संभावना पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह निर्णय पार्टी द्वारा लिया जाएगा।
गुजरात में कड़ी विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार राजेंद्र चावडा ने कांग्रेस प्रत्याशी रमेशभाई चावडा को 39,452 मतों से हराया। राजेंद्र चावडा को कुल 99,742 मत प्राप्त हुए। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने इस जीत को जनता की जीत बताया और कहा कि विसावदर के परिणामों को भी पूरी विनम्रता से स्वीकार किया गया है। वहीं, विसावदर सीट पर आम आदमी पार्टी को जीत मिली, जिससे राज्य में तीसरे विकल्प की स्थिति मजबूत हुई।
गुजरात उपचुनाव में कांग्रेस की हार के बाद प्रदेश अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि संगठन को नए नेतृत्व की आवश्यकता है।
केरल की नीलांबुर सीट से यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के उम्मीदवार शौकत आर्यदान ने माकपा के उम्मीदवार एम स्वराज को 11,077 मतों से हराकर जीत दर्ज की। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने अपनी सीट बरकरार रखी, जिससे राज्य में पार्टी की पकड़ मजबूत बनी हुई है।
पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने संजीव अरोड़ा को बधाई देते हुए कहा कि यह नतीजा राज्य सरकार के कार्यों और जनसेवा के प्रति जनता की संतुष्टि को दर्शाता है।
कांग्रेस को इन नतीजों से आत्ममंथन करने की जरूरत है, खासकर गुजरात जैसे राज्य में जहां पार्टी को निरंतर झटके मिलते आ रहे हैं।