चिड़ावा: क्षेत्र की पंचायत समिति के अंतर्गत आने वाले बृजलालपुरा गांव में एक घायल मोर की मौत के बाद ग्रामीणों ने संवेदनशीलता और पर्यावरण चेतना का परिचय देते हुए उसे राष्ट्रीय पक्षी के सम्मान के अनुरूप अंतिम विदाई दी। जानकारी के अनुसार कुछ दिन पूर्व गांव में एक मोर पर कुछ श्वानों ने हमला कर दिया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। घायल अवस्था में ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए उसे नजदीकी पशु चिकित्सालय में उपचार के लिए पहुंचाया, जहां उसका इलाज किया गया।
उपचार के बावजूद मोर की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हो सका और अंततः उसकी मौत हो गई। मोर की मौत के बाद गांव के निवासियों ने उसे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक मानते हुए तिरंगे में लपेटकर अंतिम संस्कार किया। इस दौरान विजेंद्र गुरावा, मानसिंह गुरावा, बुधराम गुरावा और महेश गुरावा सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे। उन्होंने मोर को ससम्मान अंतिम विदाई दी और पारंपरिक सलामी भी दी गई।
ग्रामीणों ने इस अवसर पर कहा कि मोर केवल एक पक्षी नहीं, बल्कि देश की सांस्कृतिक पहचान और गौरव का प्रतीक है। उसकी सुरक्षा और संरक्षण करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि भविष्य में वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर सतर्कता और सजगता से कार्य करेंगे।
इस घटना से यह संदेश स्पष्ट हुआ कि ग्रामीण समाज अब न केवल पर्यावरण और जैव विविधता को लेकर जागरूक हो रहा है, बल्कि राष्ट्रीय प्रतीकों के प्रति भी सम्मान और संवेदनशीलता के साथ आगे आ रहा है।