नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्तियों के रिकॉर्ड को आधार से जोड़ने और भू-स्वामियों के मोबाइल नंबर व पते अपडेट करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल शुरू कर दी है। सरकार का यह कदम पारदर्शिता, सटीकता और डिजिटल भारत मिशन को गति देने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
आधार लिंकिंग को माना गया पारदर्शिता का माध्यम
हालांकि यह पहल स्वैच्छिक है और आधार प्रमाणीकरण को अनिवार्य नहीं बनाया गया है, फिर भी केंद्र सरकार का मानना है कि इससे भूमि रिकॉर्ड की पारदर्शिता और सुरक्षा में उल्लेखनीय सुधार होगा।
भूमि रिकॉर्ड में भू-स्वामियों की जानकारी, मोबाइल नंबर और पते को अपडेट करना अब आवश्यक माना गया है ताकि विभिन्न सरकारी योजनाओं व बैंकिंग सेवाओं का लाभ बिना किसी अड़चन के ग्रामीणों तक पहुंचे।

डिजिटाइजेशन और जियोस्पैटियल मिशन की साझेदारी
केंद्र सरकार द्वारा ग्रामीण विकास मंत्रालय, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय और राज्य सरकारों के सहयोग से ग्रामीण भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम को गति दी जा रही है। इस योजना के अंतर्गत:
- सभी भूमि पार्सल का वर्गीकरण किया जाएगा।
- स्वामित्व, कब्जा, और उपयोग की स्थिति रिकॉर्ड में स्पष्ट की जाएगी।
- सभी नक्शों का सत्यापन और पुन: सर्वेक्षण करवा कर सटीक नक्शे तैयार किए जाएंगे।
सरकार ने इस उद्देश्य के लिए ‘नेशनल जियोस्पैटियल मिशन’ की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य पीएम गतिशक्ति योजना के तहत भविष्य की शहरी नियोजन रणनीतियों को मजबूती देना है।
‘भू-आधार’ से मिलेगी हर भूखंड को पहचान
सरकार की योजना के दूसरे चरण में हर भूमि पार्सल को एक यूनिक आईडी (भू-आधार) देने की तैयारी की गई है। यह पहचान संख्या पूरे देश में एक समान होगी और इससे भूमि विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी।
अभी स्थिति यह है कि राज्यवार और जिला स्तर पर भी भूमि रिकॉर्ड के प्रारूप, नाप की इकाइयाँ, और शब्दावली में अंतर पाया जाता है, जिससे भ्रम की स्थिति बनी रहती है। सरकार इन्हीं विसंगतियों को दूर करने के लिए समान रिकॉर्डिंग प्रणाली लागू करने की दिशा में काम कर रही है।

राज्यों को मिलेगा 2700 करोड़ रुपये का सहयोग
केंद्र सरकार ने इस मिशन के तहत राज्यों को 2700 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव रखा है। यह सहायता चरणबद्ध तरीके से दी जाएगी। इसके तहत:
- भूमि रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन किया जाएगा।
- डिजिटल नक्शे, ई-खसरा, और ई-रजिस्ट्री को लागू किया जाएगा।
- राजस्व कर्मचारियों को डिजिटल ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
वित्त मंत्रालय का रोडमैप
वित्त मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत योजना के तहत आने वाले वर्षों में गांवों की जमीनों को लेकर हर भूखंड की सही और अद्यतन जानकारी उपलब्ध होगी। इससे:
- सरकार की योजनाओं का लाभ लक्षित लाभार्थियों तक सीधे पहुंचेगा।
- बैंक लोन और भूमि आधारित निवेश में सुविधा होगी।
- भूमि विवादों और अवैध कब्जों को रोका जा सकेगा।