गोवा: हर वर्ष की तरह इस बार भी लैराई देवी की जात्रा में हजारों श्रद्धालु शिरगांव पहुंचे थे। शुक्रवार रात, जब जात्रा अपने चरम पर थी और धोंड (अग्नि पर चलने वाले श्रद्धालु) अग्नि-व्रत की तैयारी कर रहे थे, तभी भीड़ बेकाबू हो गई।
कई दिशाओं से एक साथ बढ़ती भीड़, संकरे मार्ग और पर्याप्त भीड़ नियंत्रण उपायों की कमी के चलते अफरा-तफरी मच गई, जो भगदड़ में तब्दील हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अचानक धक्का-मुक्की शुरू हो गई और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। 6 श्रद्धालुओं की मौके पर ही मृत्यु हो गई, जिनमें महिलाएं और वृद्ध भी शामिल हैं।

घायलों को मिली त्वरित चिकित्सा सहायता
घायल श्रद्धालुओं को तुरंत एम्बुलेंस के जरिए गोवा मेडिकल कॉलेज (GMC), बाम्बोलिम और नॉर्थ गोवा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल, मापुसा ले जाया गया।
सूत्रों के अनुसार, घायलों में एक की हालत अत्यंत गंभीर बताई जा रही है, जबकि अन्य को प्राथमिक उपचार के बाद स्थिर कर दिया गया है।
CM डॉ. प्रमोद सावंत ने किया अस्पतालों का दौरा
घटना की जानकारी मिलते ही गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत नॉर्थ गोवा डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल और बिचोलिम स्थित अस्पताल पहुंचे।
उन्होंने घायलों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर इलाज की जानकारी ली और चिकित्सकों को हरसंभव सहायता देने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है और प्रत्येक मृतक के परिजनों को मुआवजा तथा घायल श्रद्धालुओं का पूरा इलाज नि:शुल्क कराया जाएगा।

क्या है लैराई देवी जात्रा?
लैराई देवी, गोवा की लोक आस्था की एक प्रमुख देवी हैं, जिनका मंदिर बिचोलिम तालुका के शिरगांव गांव में स्थित है।
यह जात्रा चैत्र मास (मार्च-अप्रैल) में आयोजित होती है और इसमें हजारों श्रद्धालु और पर्यटक भाग लेते हैं।
अग्नि पर चलने की परंपरा
जात्रा की विशेषता है ‘धोंड’ नामक श्रद्धालुओं का जलती हुई लकड़ियों/अंगारों पर नंगे पांव चलना।
यह अनुष्ठान आस्था, तपस्या और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है।
इस अग्नि व्रत से पूर्व श्रद्धालु उपवास, ध्यान और प्रार्थना के माध्यम से मानसिक और शारीरिक तैयारी करते हैं।