गुढागौड़जी (झुंझुनूं): थाना गुढागौड़जी क्षेत्र में एक माह पूर्व हुई जानलेवा हमले की घटना में फरार चल रहे दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पाबूजी धाम भौडकी के पास स्वीफ्ट कार को दो कैम्पर गाड़ियों से घेरकर कुल्हाड़ी, तलवार और पिस्टल से हमला करने वाले रोहित कुमार व इस्लाम भाटी को पुलिस टीम ने जैतपुरा से दस्तयाब किया। दोनों से पूछताछ के बाद गिरफ्तारी की गई है।
पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय के निर्देश, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवेंद्र सिंह राजावत और नवलगढ़ वृत्ताधिकारी राजवीर सिंह के सुपरविजन में गठित संयुक्त पुलिस टीम ने यह कार्रवाई की।
12 जून को रोहित उर्फ जोनी निवासी डुडी नगर भौडकी ने गुढा गौड़जी थाने में मामला दर्ज कराया था। रिपोर्ट के अनुसार, वह विकास, अजय, आशीष और अक्षत के साथ अंकित निवासी महला की ढाणी से स्वीफ्ट गाड़ी मांगकर चित्तौड़गढ़ के लिए निकले थे। रास्ते में पाबू धाम से पहले GPS सिस्टम से गाड़ी बंद हो गई। तभी दो कैम्पर गाड़ियों से आए करीब 13 हमलावरों ने हमला कर दिया।
हमलावरों के पास कुल्हाड़ी, तलवार और पिस्टल थीं। हमले में रोहित, आशीष और अक्षत गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में उन्हें गुढा से सीकर और वहां से जयपुर रेफर किया गया। आशीष वर्तमान में दुर्लभ जी हॉस्पिटल जयपुर में उपचाररत है।
घटना में जिन अन्य युवकों के नाम सामने आए उनमें विजय उर्फ टाइगर, बबलू सूटर, गफार उर्फ शेरा, नागेश उर्फ नागेंद्र, वीरेंद्र उर्फ कालू, विकास उर्फ विक्की स्वामी और मनोज स्वामी शामिल थे। इनमें से कुछ ने घटना से पहले सोशल मीडिया पर कुल्हाड़ी के साथ धमकी भरे पोस्ट भी साझा किए थे।
फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस ने थाना स्टाफ व एजीटीएफ टीम के साथ मिलकर अलग-अलग टीमें बनाई थीं। जांच के दौरान रोहित कुमार और इस्लाम भाटी को जैतपुरा से पकड़ा गया। रोहित कुमार पर हत्या के प्रयास के मामले में पहले से ही मामला दर्ज है और उस पर तीन हजार रुपये का इनाम घोषित था, जबकि इस्लाम का कोई आपराधिक रिकॉर्ड सामने नहीं आया है।
टीम में पुलिस निरीक्षक राममनोहर, उपनिरीक्षक भींवाराम, मुआवजा अधिकारी किशन सिंह, कांस्टेबल मनोज, सुनील, एजीटीएफ प्रभारी विक्रम सिंह, सायबर सेल से दिनेश कुमार, तथा अन्य सदस्य शामिल रहे।
गिरफ्तार किए गए रोहित कुमार निवासी वार्ड संख्या 1 गुढागौड़जी का पूर्व में तीन आपराधिक प्रकरणों में नाम दर्ज है, जबकि इस्लाम भाटी निवासी उसी वार्ड का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है। दोनों से पूछताछ जारी है और अन्य आरोपियों की तलाश के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।