नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस 2025 की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी है। इस वर्ष समाज हित में कार्य करने वाली कई गुमनाम हस्तियों को इन सम्मानों से नवाजा गया है। 139 हस्तियों की सूची जारी की गई है, जिसमें 7 हस्तियों को पद्म विभूषण, 19 को पद्म भूषण और 113 को पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा। इस बार पुरस्कार पाने वालों में कई अनूठे व्यक्तित्व शामिल हैं, जिन्होंने कला, समाजसेवा, विज्ञान, चिकित्सा, साहित्य और अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया है।
गुमनाम नायकों को पद्म श्री सम्मान
इस साल पद्म श्री पाने वाले कई ऐसे नाम सामने आए हैं, जो दशकों से समाजहित में कार्यरत थे, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहचान अब जाकर बनी है। इनमें एक मुस्लिम भजन गायिका, योग गुरु, सामाजिक कार्यकर्ता, महिला सशक्तीकरण की समर्थक, पारंपरिक संगीतज्ञ और स्वतंत्रता सेनानी शामिल हैं।

संस्कृति और लोक कला क्षेत्र में योगदान
- बतूल बेगम (राजस्थान): जयपुर की मशहूर लोक गायिका बतूल बेगम को पद्म श्री से नवाजा गया है। मुस्लिम समुदाय से होने के बावजूद वे भगवान श्रीराम और गणपति के भजन गाने के लिए जानी जाती हैं। उनकी संगीत साधना ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाया है।
- पी. दत्चानमूर्ति (तमिलनाडु): प्रसिद्ध थाविल वादक पी. दत्चानमूर्ति को भी पद्म श्री सम्मान दिया गया है। वे दक्षिण भारतीय शास्त्रीय ताल वाद्ययंत्र में पाँच दशकों से अधिक का अनुभव रखते हैं और भारतीय संगीत को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभा चुके हैं।
- गोकुल चंद्र डे (पश्चिम बंगाल): 57 वर्षीय ढाक वादक गोकुल चंद्र डे को भी पद्म श्री सम्मान मिला है। उन्होंने 150 महिलाओं को ढाक बजाने का प्रशिक्षण देकर लैंगिक रूढ़ियों को तोड़ा और भारत के पारंपरिक संगीत को एक नई दिशा दी।
स्वास्थ्य और सामाजिक कार्य में योगदान
- डॉ. नीरजा भटला (दिल्ली): प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला को सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम और प्रबंधन के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए सम्मानित किया गया है।
- भीम सिंह भावेश (बिहार): भोजपुर के सामाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह भावेश को उनकी संस्था ‘नई आशा’ के माध्यम से मुसहर समुदाय के उत्थान के लिए पिछले 22 वर्षों से किए गए योगदान के लिए पद्म श्री प्रदान किया गया है।
महिला सशक्तीकरण और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
- लीबिया लोबो सरदेसाई (गोवा): स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लीबिया लोबो सरदेसाई को भी पद्म श्री दिया गया है। उन्होंने 1955 में पुर्तगाली शासन के खिलाफ ‘वॉयस ऑफ फ्रीडम’ नामक भूमिगत रेडियो स्टेशन की स्थापना कर स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी थी।
- सैली होलकर (मध्य प्रदेश): महिला सशक्तीकरण की समर्थक सैली होलकर को लुप्त हो रही माहेश्वरी शिल्पकला के पुनरुद्धार में योगदान के लिए यह सम्मान मिला है। उन्होंने महेश्वर में हथकरघा स्कूल की स्थापना की और सैकड़ों महिलाओं को रोजगार के अवसर दिए।

कृषि और पर्यावरण संरक्षण में योगदान
- एल हैंगथिंग (नागालैंड): नोकलाक के किसान एल हैंगथिंग को गैर-देशी फलों की उन्नत खेती में 30 वर्षों के योगदान के लिए यह सम्मान दिया गया है।
कला, साहित्य और मनोरंजन जगत की हस्तियों को भी सम्मान
इस वर्ष के पद्म पुरस्कारों में कुछ प्रमुख भारतीय कलाकारों के नाम भी शामिल हैं:
- अरिजीत सिंह (गायक): प्रसिद्ध प्लेबैक सिंगर अरिजीत सिंह को भारतीय संगीत में योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
- ममता शंकर (अभिनेत्री एवं नृत्यांगना): भारतीय फिल्म इंडस्ट्री और नृत्यकला के क्षेत्र में योगदान के लिए ममता शंकर को भी पद्म श्री प्रदान किया गया।
पद्म पुरस्कारों की महत्ता
गौरतलब है कि पद्म पुरस्कार भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक हैं। ये तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं:
- पद्म विभूषण – असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए
- पद्म भूषण – उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए
- पद्म श्री – किसी विशेष क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए
ये पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक सेवा, विज्ञान, इंजीनियरिंग, व्यापार, उद्योग, चिकित्सा, साहित्य, शिक्षा, खेल और सिविल सेवा जैसे तमाम क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को प्रदान किए जाते हैं।
हर साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इन पुरस्कारों की घोषणा होती है और राष्ट्रपति भवन में विशेष समारोह के दौरान भारत के राष्ट्रपति द्वारा इन्हें प्रदान किया जाता है।