खेतड़ी (झुंझुनूं): खेतड़ी में सोमवार को हुई ब्लॉक कांग्रेस की बैठक में कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा और बैठक रणक्षेत्र में तब्दील हो गई। पिछले चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम करने वाले नेताओं की मौजूदगी से नाराज कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की और हंगामा इतना बढ़ा कि बैठक में कुर्सियां तक हवा में उछाली गईं। पूर्व मंत्री जितेंद्र सिंह और जिलाध्यक्ष दिनेश सुंडा जैसे बड़े नेताओं की मौजूदगी में हुए इस घमासान ने राजस्थान कांग्रेस की अंदरूनी कलह को एक बार फिर सतह पर ला दिया है।
क्यों फूटा कार्यकर्ताओं का गुस्सा? ‘जयचंदों’ पर कार्रवाई की मांग
बैठक में हुए इस भारी हंगामे की मुख्य वजह कार्यकर्ताओं का वो गुस्सा था, जो उन नेताओं के खिलाफ था जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में कथित तौर पर कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ काम कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को समर्थन दिया था। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि ऐसे “जयचंदों” पर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें आज भी पार्टी की बैठकों में महत्व दिया जा रहा है। इसी बात को लेकर कार्यकर्ता भड़क गए और उन्होंने पार्टी के जिम्मेदारों के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी, जिससे बैठक का माहौल पूरी तरह गरमा गया।
बड़े नेताओं की मौजूदगी में मचा घमासान, उछलीं कुर्सियां
यह पूरा हंगामा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के सामने हुआ। कार्यक्रम में पर्यवेक्षक प्रवीण डागर, पूर्व मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, जिला अध्यक्ष दिनेश सुंडा, कांग्रेस प्रत्याशी रहीं पूर्व प्रधान मनीषा गुर्जर और वरिष्ठ नेता हेम सिंह शेखावत सहित सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे। जैसे ही बैठक शुरू हुई, कार्यकर्ताओं के दो गुट आमने-सामने हो गए। देखते ही देखते जुबानी जंग हाथापाई की नौबत में बदल गई और नाराज कार्यकर्ताओं ने कुर्सियां उछालनी शुरू कर दीं, जिससे कुछ देर के लिए अफरातफरी का माहौल बन गया। वरिष्ठ नेताओं को बीच-बचाव कर मामले को शांत कराना पड़ा।
पर्यवेक्षक ने माना- ‘कार्यकर्ताओं में है गहरा असंतोष’
बैठक में मौजूद पर्यवेक्षक प्रवीण डागर ने भी माना कि कार्यकर्ताओं में पार्टी की कार्यप्रणाली को लेकर गहरा असंतोष है। उन्होंने हंगामे के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि सभी कार्यकर्ताओं की बात सुनी गई है और उनकी भावनाओं और शिकायतों को आलाकमान तक पहुंचाया जाएगा। हालांकि, किसी तरह बैठक को संपन्न करा लिया गया, लेकिन इस घटना ने खेतड़ी कांग्रेस में संगठन की एकजुटता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।





