Thursday, June 19, 2025
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खाटूश्यामजी मंदिर की झलक देगा रेलवे स्टेशन: पार्क, फाउंटेन से बढ़ेगी आकर्षकता, रींगस से खाटू ट्रेन जल्द

खाटू, रींगस: खाटूश्यामजी मंदिर के दर्शन के लिए देशभर से आने वाले भक्तों को अब खाटू तक ट्रेन की सुविधा मिल सकेगी। रींगस से खाटू तक 17.49 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक बिछाने की योजना बनाई गई है, जिस पर 254.07 करोड़ रुपए की लागत आएगी। फिलहाल, भक्तों को रींगस रेलवे स्टेशन पर उतरना होता है, और फिर बस या अन्य वाहनों से खाटू पहुंचना पड़ता है। भक्तों की असुविधा को देखते हुए अब खाटू में रेलवे स्टेशन और ट्रैक बिछाने का निर्णय लिया गया है। इस स्टेशन का निर्माण खाटूश्यामजी मंदिर की थीम पर किया जाएगा, जिससे भक्तों को एक खास अनुभव प्राप्त होगा।

खाटूश्यामजी रेलवे स्टेशन का विशेष डिजाइन और सुविधाएँ

नया रेलवे स्टेशन चारण मैदान से 100 मीटर दूर केरपुरा-लामियां रोड के पास बनेगा। स्टेशन के डिजाइन में शेखावाटी की सांस्कृतिक धरोहर और खाटूश्यामजी मंदिर की आर्किटेक्चर का समावेश किया जाएगा। मुख्य प्रवेश द्वार मंदिर के गुंबद की तरह होगा, जिसके दोनों तरफ विशाल बरामदे होंगे। स्टेशन परिसर में शेखावाटी शैली की पेंटिंग्स भी देखने को मिलेंगी, जो पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करेंगी। स्टेशन के सामने एक बड़ा पार्क होगा, जिसके बीचों-बीच एक आकर्षक फाउंटेन स्थापित किया जाएगा। पार्क के दोनों ओर पार्किंग की व्यवस्था होगी, जिससे यात्रियों को गाड़ी खड़ी करने में कोई समस्या न हो। स्टेशन के अंदर यात्रियों के लिए वेटिंग एरिया, स्टॉल्स और अन्य सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाएगा।

मंदिर से स्टेशन की दूरी

खाटूश्यामजी मंदिर से नया रेलवे स्टेशन केवल डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर स्थित होगा, जिसे भक्त आसानी से पैदल तय कर सकेंगे। मंदिर दर्शन के बाद भक्त इस दूरी को पैदल चलते हुए तय कर स्टेशन तक पहुंच सकते हैं, जिससे उनका समय और साधन दोनों की बचत होगी।

रींगस-खाटू रेलवे ट्रैक: काम की प्रगति और लागत

इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत 99 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। 8 अगस्त 2024 को रेलवे द्वारा भूमि अधिग्रहण की सूचना जारी की गई थी, और टेंडर की प्रक्रिया भी प्रारंभ हो चुकी है। इस परियोजना की कुल लागत 254.07 करोड़ रुपए आंकी गई है। तीन लूप लाइनों के साथ बनाए जा रहे इस ट्रैक का निर्माण शुरू होने के बाद 2026 तक पूरा होने की संभावना है। ट्रैक तैयार होने के बाद ट्रेन ट्रायल किया जाएगा, और मई-जून 2026 में इस रूट पर ट्रेनों का नियमित संचालन शुरू हो जाएगा।

तीन लूप लाइनों का निर्माण

खाटूश्यामजी रेलवे ट्रैक पर तीन लूप लाइन बनाई जाएंगी, जो मुख्य रेल लाइन के समानांतर होकर मुख्य लाइन से जुड़ेंगी। यह प्रणाली ट्रेनों की आवाजाही को सरल बनाएगी। परियोजना के अंतर्गत कुल 8 माइनर और 21 अंडरब्रिज भी बनाए जाएंगे, जिससे बारिश के समय जलभराव से बचाव किया जा सके।

खाटूश्यामजी-सालासर-सुजानगढ़ रेलवे लाइन: अगले चरण की योजना

भविष्य में, खाटूश्यामजी-सालासर-सुजानगढ़ तक रेलवे ट्रैक बिछाने की योजना पर भी काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए डीपीआर तैयार करने की मंजूरी मिल चुकी है, और स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा। इस नए ट्रैक के साथ शेखावाटी के दो प्रमुख धार्मिक स्थल—खाटूश्यामजी और सालासर—रेल के माध्यम से एक-दूसरे से जुड़ जाएंगे, जिससे दूर-दराज से आने वाले भक्तों को सुविधा मिलेगी।

रींगस से खाटू तक की यात्रा और मौजूदा ट्रेन सेवाएँ

वर्तमान में रींगस से 70 ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है, जो उदयपुर, दिल्ली, इंदौर, बीकानेर, रामेश्वरम, फिरोजपुर, कोटा, चंडीगढ़, जयपुर, तिरुपति और अन्य प्रमुख शहरों को जोड़ती हैं। खाटूश्यामजी रेलवे स्टेशन के निर्माण के बाद, इन ट्रेनों को नए ट्रैक से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा, जिससे भक्तों को सीधा खाटू तक यात्रा करने में आसानी हो।

खाटू के लक्खी मेले के लिए विशेष ट्रेनों का संचालन

हर साल खाटूश्यामजी में आयोजित होने वाले लक्खी मेले के दौरान भक्तों की संख्या लाखों में पहुंच जाती है। रेलवे इस मेले के दौरान विशेष ट्रेनों का संचालन करता है। रींगस-खाटू रेलवे प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद, नए खाटू रेलवे स्टेशन पर अधिक ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे भक्तों को और अधिक सुविधा मिल सके।

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