मणिपुर: मणिपुर में हिंसा की लहर थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा हिंसा के चलते राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद के घर को आग के हवाले कर दिया गया है, साथ ही राज्य के छह विधायकों और तीन मंत्रियों के घरों पर भी हमले हुए हैं। इस हिंसा के बाद राज्य के पांच जिलों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है, और सुरक्षा बलों द्वारा स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी पर निशाना साधा
मणिपुर की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर निशाना साधा है। खड़गे ने ट्विटर (प्लेटफॉर्म एक्स) पर प्रधानमंत्री मोदी को आड़े हाथों लिया और लिखा, “नरेंद्र मोदीजी, आपकी डबल इंजन सरकार में न तो मणिपुर एक है, न ही मणिपुर सुरक्षित है। मई 2023 से राज्य अकल्पनीय दर्द, विभाजन और बढ़ती हिंसा से गुजर रहा है, जिसने इसके लोगों का भविष्य नष्ट कर दिया है।” उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी जानबूझकर मणिपुर को जलाना चाहती है और अपनी विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा दे रही है।
खड़गे ने यह भी कहा, “7 नवंबर से अब तक कम से कम 17 लोगों की जान जा चुकी है और संघर्षग्रस्त क्षेत्रों की सूची में नए जिले जोड़े जा रहे हैं। आग सीमावर्ती पूर्वोत्तर राज्यों तक फैल रही है। आप खूबसूरत सीमावर्ती राज्य मणिपुर में पूरी तरह से असफल रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि चाहे प्रधानमंत्री मोदी भविष्य में मणिपुर जाएं, लेकिन राज्य के लोग उन्हें कभी माफ नहीं करेंगे, क्योंकि उन्होंने राज्य के दुखों को हल करने के लिए कभी ठोस कदम नहीं उठाए।
लापता लोगों के शव मिलने के बाद भड़की हिंसा
शनिवार को मणिपुर में लापता लोगों के शव नदी के किनारे मिले, जिसके बाद हिंसा और प्रदर्शन तेज हो गए। प्रदर्शनकारियों ने राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के घरों पर हमला कर दिया। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद के घर समेत कई अन्य घरों में तोड़फोड़ की गई और उनकी संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया गया।
सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पांच जिलों में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया है। पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए इंफाल के विभिन्न हिस्सों में आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया। राज्य के जिन मंत्रियों के आवासों पर हमले हुए, उनमें सपम रंजन, एल सुसिंड्रो सिंह और वाई खेमचंद शामिल हैं।
कर्फ्यू और इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध
कर्फ्यू और इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध लगाने के कदम के बावजूद हिंसा के भड़कने के कारण राज्य के लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि स्थिति को काबू में करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन दंगों की बढ़ती लहर और बढ़ते जनजीवन के संकट के कारण प्रशासन को मुश्किलें आ रही हैं।