नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध पर गहरा दुख और आक्रोश व्यक्त किया है। इस घटना पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए राष्ट्रपति ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों पर कहा, “बस बहुत हो गया,” और लोगों से इन घटनाओं को रोकने के लिए सामूहिक कार्रवाई का आग्रह किया।
राष्ट्रपति मुर्मू की यह कड़ी प्रतिक्रिया 9 अगस्त को उक्त डॉक्टर का शव मिलने के बाद देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बीच आई है। इस घटना ने देशभर में व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया है। छात्र, डॉक्टर, और आम नागरिक बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर कर न्याय की मांग कर रहे हैं।
मुर्मू ने इस जघन्य अपराध की निंदा करते हुए कहा कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। उन्होंने कहा, “जबकि कोलकाता में लोग न्याय के लिए सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे थे, अपराधी अन्य जगहों पर घात लगाए बैठे थे। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है और इसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”
उन्होंने बलात्कार जैसे अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी सभ्य समाज में महिलाओं के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार अस्वीकार्य है। राष्ट्रपति ने कहा कि इन अपराधों से निपटने के लिए एक “ईमानदार, निष्पक्ष आत्मनिरीक्षण” की आवश्यकता है, ताकि इस तरह के कृत्यों को जड़ से खत्म किया जा सके।
राष्ट्रपति मुर्मू ने समाज में महिलाओं को हीन समझने वाली “घृणित मानसिकता” की भी आलोचना की। उन्होंने 2012 के निर्भया कांड का जिक्र करते हुए कहा कि उस घटना के बाद से लेकर अब तक हुए कई बलात्कारों को समाज भूल चुका है, जो कि “सामूहिक भूलने की बीमारी” का परिणाम है। उन्होंने कहा, “यह सामूहिक भूलने की बीमारी घृणित है,” और शुरू से ही ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया।