खेतड़ी नगर: कस्बा स्थित केसीसी कॉलोनी में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के जर्जर आवासीय क्वार्टर एक बार फिर हादसे की वजह बन गए। सेवानिवृत्त कर्मचारी आर.के. नायर की पत्नी सीमा नायर पर क्वार्टर का छज्जा टूटकर गिर गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं। यह घटना केसीसी प्रबंधन की लापरवाही, क्वार्टर मेंटेनेंस की अनदेखी और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर बड़े सवाल खड़े कर रही है।
दोपहर में हुआ हादसा, अचानक गिरी छज्जे की पट्टियां
आर.के. नायर ने बताया कि दोपहर भोजन के बाद वह और उनकी पत्नी सीमा नायर क्वार्टर के बाहर चारपाई पर आराम कर रहे थे। इसी दौरान वह किसी काम से भीतर चले गए। कुछ ही क्षणों बाद तेज आवाज के साथ छज्जे की पत्थर की पट्टियां टूटकर नीचे गिरीं और सीधे सीमा नायर के सिर पर आ गिरीं। चीख सुनकर जब वह बाहर आए तो पत्नी खून से लथपथ हालत में पड़ी थीं।
डॉक्टरों ने लगाए 24–25 टांके, हालत गंभीर थी
घायल सीमा नायर को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। इलाज कर रहे डॉक्टर के अनुसार, दोपहर करीब 2:30 बजे महिला को गंभीर अवस्था में लाया गया था। सिर गहरे तक फटा हुआ था और अत्यधिक रक्तस्राव हो रहा था। प्राथमिक उपचार के दौरान सिर पर 24 से 25 टांके लगाए गए, जिसके बाद हालत स्थिर होने पर महिला को छुट्टी दी गई।
मेंटेनेंस चार्ज वसूली, लेकिन मरम्मत नदारद
केसीसी कॉलोनी में रह रहे लोगों का आरोप है कि हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड द्वारा हर माह क्वार्टर मेंटेनेंस के नाम पर शुल्क वसूला जाता है, लेकिन इसके बावजूद न तो जर्जर भवनों की मरम्मत कराई जाती है और न ही सुरक्षा उपाय किए जाते हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि वर्षों पुराने ये क्वार्टर अब पूरी तरह खस्ताहाल हो चुके हैं और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों में आक्रोश, सुरक्षा को लेकर चिंता
घटना के बाद केसीसी कॉलोनी में रह रहे सेवानिवृत्त कर्मचारियों में गहरा रोष देखा गया। लोगों का कहना है कि उन्होंने हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड को 30 से 35 वर्षों तक अपनी सेवाएं दीं, लेकिन आज उन्हें जान जोखिम में डालकर जर्जर क्वार्टरों में रहने को मजबूर किया जा रहा है। कर्मचारियों ने इसे प्रबंधन की घोर लापरवाही बताया।
केसीसी प्रबंधन की भूमिका पर सवाल, मुआवजे की मांग
इस हादसे ने केसीसी प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। कॉलोनीवासियों की मांग है कि सभी क्वार्टरों की तत्काल संरचनात्मक जांच कराई जाए, जर्जर हिस्सों की तुरंत मरम्मत हो और घायल महिला को उचित मुआवजा व बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
औद्योगिक प्रतिष्ठानों की जिम्मेदारी केवल उत्पादन तक सीमित नहीं होती। कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों को सुरक्षित और सम्मानजनक आवास उपलब्ध कराना भी उतना ही आवश्यक है। केसीसी कॉलोनी में हुआ यह हादसा चेतावनी है कि अगर समय रहते जर्जर भवनों की अनदेखी बंद नहीं की गई, तो इसकी कीमत किसी की जान से भी चुकानी पड़ सकती है।




