नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी बल्लेबाज केएल राहुल, जिन्हें तकनीकी दृष्टिकोण से दुनिया के श्रेष्ठ बल्लेबाजों में गिना जाता है, हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ निराशाजनक प्रदर्शन के कारण आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं। उनके बेहतरीन शॉट्स की क्लास और उनकी बल्लेबाजी की तकनीक, जो उन्हें टीम इंडिया के महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनाती थी, अब सवालों के घेरे में है। मेलबर्न के मैदान पर खेले गए इस मैच में राहुल की बल्लेबाजी का गिरता स्तर और उनका गैर-आक्रामक माइंडसेट दर्शकों और क्रिकेट विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन गया है।
शॉट छोड़िए, बल्ला तक नहीं लगा पा रहे राहुल
ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ अपनी पहली पारी में केवल 4 रन पर आउट होने के बाद, दूसरी पारी में भी राहुल ने महज 10 रन ही बनाए। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जिस प्रकार से वह आउट हुए, उसने सभी को हैरान कर दिया। ऑफ स्पिनर रॉचीकियोली की साधारण सी गेंद पर राहुल बोल्ड हो गए, और यह देख ऑस्ट्रेलियाई कमेंटेटर्स भी आश्चर्यचकित रह गए। गेंद उनके पैरों से टकराई और सीधा स्टंप्स में जा घुसी, जिससे राहुल का विकेट गिर गया। राहुल खुद भी इस आउट पर निराश दिखाई दिए, और उनके इस प्रदर्शन ने टीम के प्रशंसकों को चिंतित कर दिया है।
आक्रामकता की कमी बनी परेशानी
राहुल का आउट होने का तरीका उनके माइंडसेट पर सवाल खड़े करता है। ऐसा प्रतीत हुआ कि वह दिन का खेल समाप्त करने का प्रयास कर रहे थे, जबकि एक आक्रामक रुख अपनाने से वह टीम के लिए बेहतर योगदान दे सकते थे। उन्होंने 44 गेंदों पर मात्र 10 रन बनाए और इस दौरान एक भी चौका नहीं लगा सके। राहुल की इस सोच का असर उनके व्यक्तिगत प्रदर्शन के साथ-साथ टीम पर भी पड़ा।
टीम का पूरा टॉप ऑर्डर रहा असफल
राहुल अकेले ही नहीं, बल्कि टीम इंडिया ए का पूरा टॉप ऑर्डर ऑस्ट्रेलिया की मजबूत परिस्थितियों के सामने कमजोर साबित हुआ। अभिमन्यु ईश्वरन केवल 17 रन पर आउट हुए, साई सुदर्शन ने 3 रन बनाए, रुतुराज गायकवाड़ के बल्ले से केवल 11 रन निकले, और देवदत्त पडिक्कल मात्र 1 रन पर निपट गए। इस मैच में भारतीय युवा बल्लेबाजों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, जिससे यह साफ हो गया कि ऑस्ट्रेलियाई परिस्थितियों के अनुरूप खुद को ढालने में उनकी तैयारियों में कमी है।