चिड़ावा: सिंघाना सड़क मार्ग पर स्थित लालचौक पर किसानों का नहर आंदोलन लगातार जारी है। किसान सभा की महिला पदाधिकारी सुनिता बेनिवाल की अध्यक्षता में आज इस धरने का 273वां दिन है।
नौ महीने से जारी संघर्ष
लगभग नौ महीने से जारी इस आंदोलन में किसानों ने सरकार पर भरोसा खो दिया है। किसानों ने सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने के लिए गांव-गांव जाकर जन जागरूकता अभियान चलाया है। यह यात्रा 5 सितंबर से शुरू हुई थी और इसमें विभिन्न पदाधिकारियों ने नेतृत्व किया है। इनमें मदनसिंह यादव, राजेंद्र चाहर, बजरंग बराला, विजेन्द्र शास्त्री, बजरंग नेहरा, माणकचंद सूणियां, रणधीर सिंह ओला, देवकी नंदन बसेरा, अरविंद गढ़वाल, सुनिता, लीलाधर सांतडिया, कामरेड सुभाष, ताराचंद तानाण, कामरेड प्रेम नेहरा, महेश शर्मा, जगदेव सिंह यादव, जगमाल सिंह, रामनिवास सांवलोद, दरिया सिंह धायल, गोविंद सिंह कुतुबपुरा आदि शामिल हैं।
महापंचायत में होगा जमघट
आज यह यात्रा झेरली, घुमनसर, मांजवां की ढाणी, खातियों की ढाणी, ढंढारिया, ज्वाहरपुरा, डुंगरकी ढाणी, बजावा आदि गांवों से होकर गुजरेगी। इस यात्रा का नेतृत्व युवा नेता कामरेड महेश बजावा कर रहे हैं।

धरना स्थल पर कोषाध्यक्ष महेश चाहर, राजेश कुमार, राजवीर, जयसिंह, प्रभुराम सैनी, नौजवान सभा के जयन्त चौधरी, सौरभ सैनी, करण कटारिया, सत्तुभाई, अमित, जगराम, योगी, सतवीर, शंकर यादव, धर्मपाल, प्रकाश चाहर, भरतसिंह चाहर, संजय, पिंकी, विरु वर्मा, गिरधारी सैनी आदि उपस्थित रहे।
किसानों की मांगें
किसानों की मुख्य मांग यमुना नहर का पानी मिलना है। यदि उनकी यह मांग पूरी नहीं होती है तो किसानों ने महासंग्राम का संकल्प लिया है।
महापंचायत में विशेष
इस महापंचायत में कवि, भजनी, समाजसेवी, खिलाड़ी और लोक कलाकार भी शामिल होंगे। सभी का एक ही उद्देश्य है – यमुना नहर का पानी।