Monday, June 16, 2025
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कांग्रेस से निष्कासित होने के बाद लक्ष्मण सिंह का बड़ा खुलासा: “राहुल गांधी को प्रधानमंत्री मानने का दबाव डाला गया”

मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह ने कांग्रेस से निष्कासन के बाद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पर बड़ा आरोप लगाया है। गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में लक्ष्मण सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दिए गए उनके बयान को लेकर कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें नोटिस भेजा, और फिर उन्हें राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के योग्य बताने वाला बयान जारी करने का दबाव बनाया गया।

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“राष्ट्रहित में बात की, माफीनामा नहीं दे सकता”: लक्ष्मण सिंह

लक्ष्मण सिंह ने प्रेसवार्ता में स्पष्ट कहा,

“मुझे किसी एक स्थान से फोन आया कि अगर मैं लिख दूं कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे, तो निष्कासन रुक सकता है। लेकिन मैंने कहा कि यह मैं नहीं लिख सकता, क्योंकि मैंने जो कहा, राष्ट्रहित में कहा है। जिस कांग्रेस ने देश को आजाद कराया, वह आज ऐसी स्थिति में कैसे पहुंच गई?”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब अपने मूल सिद्धांतों और राष्ट्रहित की भावना से भटक गई है, और यही कारण रहा कि उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।

“पार्टी में नहीं, नेतृत्व की दिशा में है समस्या”

लक्ष्मण सिंह ने कहा कि उनका विरोध कांग्रेस पार्टी से नहीं, बल्कि उस नेतृत्व से है जो पार्टी को गलत दिशा में ले जा रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी में नेतृत्व विफल हो चुका है और कई वरिष्ठ नेता भी इसी बात से असहमत हैं, लेकिन खुलकर कुछ नहीं बोल पा रहे।

“नेतृत्व ऐसा होना चाहिए जो पार्टी को राष्ट्रहित की ओर ले जाए, लेकिन आज पार्टी उस रास्ते से भटक गई है। इसलिए मैंने अपने विचार खुलकर रखे।”

“भाजपा में नहीं जाऊंगा, पर राष्ट्रहित में जो बोले उससे वैचारिक सहमति”

जब पत्रकारों ने भाजपा में शामिल होने की संभावनाओं पर सवाल किया तो उन्होंने कहा,

“भाजपा मुझे अप्रोच नहीं करेगी। वैसे भी कांग्रेस के कई लोग पहले ही भाजपा में जा चुके हैं। मैं उनके लिए नई मुसीबत क्यों बनूं?”

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जो व्यक्ति या दल राष्ट्रहित की बात करता है, उससे उनकी वैचारिक सहमति है। भाजपा द्वारा उनके बयान का समर्थन करने पर उन्होंने आभार भी जताया।

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“भाई दिग्विजय सिंह से राजनीतिक चर्चा नहीं होती”

लक्ष्मण सिंह ने स्पष्ट किया कि उनके और उनके बड़े भाई दिग्विजय सिंह के बीच राजनीतिक चर्चा वर्षों से नहीं हुई है।

“हम जब मिलते हैं, तो पारिवारिक बातें होती हैं। उनका और मेरा राजनीतिक नजरिया अलग है, इसीलिए किसी विवाद से दूर रहते हैं।”

“नए सिरे से जनमत लेकर करेंगे निर्णय”

लक्ष्मण सिंह ने कहा कि वे और उनके सहयोगी अब पूरे मध्यप्रदेश में भ्रमण कर जनता और खासकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे

“हम अपनी बात जनता के सामने रखेंगे। कांग्रेस को सुधारना है ताकि कार्यकर्ता फिर से सीना तान कर चल सके।”

उन्होंने कहा कि राघौगढ़ में कांग्रेस द्वारा रखी गई शोकसभा में उन्होंने देश की सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दे पर राष्ट्रहित में बात की थी, लेकिन उसी का दंड उन्हें पार्टी से निष्कासन के रूप में मिला।

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