नई दिल्ली: कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में आयोजित अपनी बैठक में हालिया विधानसभा चुनावों के नतीजों, आगामी चुनावी रणनीतियों, और राष्ट्रीय मुद्दों पर गहन चर्चा की। इस बैठक की अध्यक्षता पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने की। बैठक में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।
चुनावी नतीजों पर आत्मनिरीक्षण
महाराष्ट्र और हरियाणा में कांग्रेस की हालिया चुनावी हार इस बैठक का प्रमुख एजेंडा रही। महाराष्ट्र में मिली करारी हार ने पार्टी को गहरे आत्मचिंतन के लिए मजबूर किया है। हरियाणा में भी अप्रत्याशित हार ने कांग्रेस की रणनीतियों और जमीनी स्तर पर संगठन की स्थिति पर सवाल खड़े किए।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में इन हारों के पीछे के कारणों का आकलन किया गया। इसमें संगठनात्मक खामियों, प्रचार अभियानों की कमजोरियों और प्रतिद्वंद्वियों की रणनीतियों का विस्तृत विश्लेषण किया गया।
ईवीएम पर उठाए सवाल
चुनावी प्रक्रिया में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की भूमिका पर भी चर्चा हुई। पार्टी के कुछ नेताओं ने ईवीएम के इस्तेमाल पर सवाल उठाए और इसे जनता के बीच प्रमुख मुद्दा बनाने का सुझाव दिया।
राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा
बैठक में देश के मौजूदा राजनीतिक और आर्थिक हालात पर भी ध्यान दिया गया। महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक असमानता जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की गई। कांग्रेस नेताओं ने बढ़ती आर्थिक असमानता और कमजोर विकास दर को लेकर चिंता व्यक्त की।
जयराम रमेश ने बैठक के बाद कहा, “यह समय आत्मनिरीक्षण और संगठित प्रयासों का है। हम उन क्षेत्रों में मजबूती से खड़े होने की योजना बना रहे हैं, जहां हमारा प्रदर्शन कमजोर रहा है।”
आगामी चुनावों की तैयारी
बैठक में विशेष रूप से दिल्ली विधानसभा चुनावों पर चर्चा हुई। पार्टी ने प्रचार अभियान, उम्मीदवार चयन और मतदाताओं तक पहुंचने की रणनीति पर ध्यान केंद्रित किया। नेताओं ने सुझाव दिया कि जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को अधिक सक्रिय किया जाए और कांग्रेस का संदेश प्रभावी ढंग से जनता तक पहुंचाया जाए।
राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे मतदाताओं के साथ सीधा संवाद बढ़ाएं और पार्टी के लिए समर्थन जुटाने के लिए हरसंभव प्रयास करें।