नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने टोल टैक्स (Toll Tax) में वृद्धि की घोषणा की है, जो रविवार रात 12 बजे से प्रभावी हो जाएगी। इस नई दर में 3-5% की वृद्धि की गई है और यह सोमवार से पूरे देश में लागू होगी। अधिकारियों ने जानकारी दी है कि आम चुनावों के कारण अप्रैल में वार्षिक वृद्धि को स्थगित कर दिया गया था, जो अब पुनः शुरू की जा रही है।
मुद्रास्फीति के अनुरूप वार्षिक संशोधन
भारत में टोल शुल्क को हर साल मुद्रास्फीति के अनुरूप संशोधित किया जाता है। इस बार, राजमार्ग संचालकों ने स्थानीय समाचार पत्रों में नोटिस जारी कर सोमवार से लगभग 1,100 टोल प्लाजा पर 3% से 5% की वृद्धि की सूचना दी है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि चुनाव प्रक्रिया समाप्त हो जाने के बाद उपयोगकर्ता शुल्क (टोल) दरों में यह संशोधन किया गया है। यह संशोधन 3 जून से प्रभावी हो जाएगा।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर टोल बढ़ोतरी
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर टोल दरों में वृद्धि से वाहन चालकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। मेरठ से सराय काले खां तक जाने वाले कार चालकों को अब काशी (परतापुर) टोल प्लाजा पर 160 रुपये के बजाय 165 रुपये शुल्क देना होगा। 24 घंटे में दोनों तरफ का शुल्क 230 रुपये से बढ़कर 250 रुपये हो जाएगा। इसी तरह, मेरठ-करनाल हाईवे पर मेरठ से वाया शामली करनाल जाने के लिए भी वाहन चालकों पर पांच से दस रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। अलग-अलग वाहन श्रेणी के लिए अलग-अलग दरें तय की गई हैं।
प्रयागराज से वाराणसी और कौशांबी से प्रतापगढ़ का सफर महंगा
प्रयागराज से वाराणसी और कौशांबी से प्रतापगढ़ जाने वाले यात्रियों के लिए टोल टैक्स में वृद्धि की गई है। छोटे वाहन जैसे कार और अन्य पर प्रति किलोमीटर पांच से सात रुपये और भारी वाहनों से 25 से 30 रुपये प्रति किलोमीटर की वृद्धि की गई है। कानपुर-प्रयागराज हाईवे पर भी टोल टैक्स में वृद्धि हुई है। कार से फतेहपुर के बड़ौरी टोल प्लाजा में 55 रुपये और कटोघन टोल प्लाजा में 40 रुपये अतिरिक्त देने होंगे।
टोल वृद्धि से लाभान्वित होंगे ऑपरेटर
आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स और अशोक बिल्डकॉन लिमिटेड जैसे उच्च ऑपरेटरों को इस टोल वृद्धि से लाभ होगा। पिछले दशक में भारत ने राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार के लिए अरबों डॉलर का निवेश किया है। वर्तमान में भारत का राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क लगभग 146,000 किलोमीटर है, जो विश्व का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है।
साल दर साल टोल संग्रह में वृद्धि
2018-19 में टोल संग्रह 252 बिलियन रुपये था, जो 2022-23 वित्तीय वर्ष में बढ़कर 540 बिलियन रुपये ($6.5 बिलियन) से अधिक हो गया। इसमें सड़क यातायात में वृद्धि के साथ-साथ टोल प्लाजा और शुल्कों की संख्या में वृद्धि से मदद मिली है।