कनाडा: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों और आंतरिक राजनीतिक चुनौतियों के बीच सोमवार को अपने इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने अपने सत्ताधारी दल, लिबरल पार्टी के अध्यक्ष से नए नेता के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया है। ट्रूडो ने कहा कि पार्टी के भीतर गहराते मतभेदों के कारण वह अगले आम चुनाव में सबसे उपयुक्त नेता नहीं रहेंगे।
मार्क कार्नी सबसे प्रबल दावेदार
प्रधानमंत्री पद के लिए लिबरल पार्टी के भीतर नए नेता को लेकर कई संभावनाएं सामने आ रही हैं। बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के पूर्व प्रमुख मार्क कार्नी इस दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे हैं। कार्नी लंबे समय से कनाडाई राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं और प्रधानमंत्री बनने में रुचि रखते हैं।
गौरतलब है कि ट्रूडो ने उन्हें पहले भी अपनी सरकार में शामिल करने की कोशिश की थी। ट्रूडो के इस्तीफे के बाद कार्नी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में उनके योगदान और बलिदान के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने लिखा, “आपको आपके अगले अध्याय के लिए शुभकामनाएं।”
क्रिस्टिया फ्रीलैंड और अन्य दावेदार
मार्क कार्नी के अलावा, पूर्व उपप्रधानमंत्री और वर्तमान सांसद क्रिस्टिया फ्रीलैंड भी संभावित उम्मीदवारों में शामिल हैं। फ्रीलैंड ने हाल ही में ट्रूडो सरकार में वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था, जो पार्टी के भीतर उथल-पुथल का संकेत था। विदेश मंत्री मेलनी जोली और परिवहन मंत्री अनिता आनंद के नाम भी संभावित दावेदारों में गिनाए जा रहे हैं। अनिता आनंद एक प्रख्यात लेखक और पत्रकार भी हैं।
संसद स्थगित, चुनाव की तैयारी
ट्रूडो के इस्तीफे से पहले, संसद को 24 मार्च तक स्थगित कर दिया गया है। हालांकि, संसद का सत्र 27 जनवरी से शुरू होना था। अक्टूबर के अंत तक देश में नए चुनावों की उम्मीद की जा रही है।
लोकप्रियता में गिरावट
ट्रूडो 2015 से कनाडा के प्रधानमंत्री हैं और 2013 से लिबरल पार्टी के प्रमुख का पद संभाल रहे हैं। हालिया समय में उनकी लोकप्रियता में गिरावट दर्ज की गई है, और पार्टी के एक तिहाई सांसद नेतृत्व परिवर्तन की मांग कर रहे थे।
अमेरिका-कनाडा व्यापारिक विवाद
ट्रूडो सरकार में उथल-पुथल का एक और कारण अमेरिका के साथ व्यापारिक मतभेद भी रहा। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडाई वस्तुओं पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की धमकी के कारण तनाव बढ़ गया था। इस विवाद के चलते उपप्रधानमंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने इस्तीफा दिया था।