कनाडा की सरकार द्वारा गठित विदेशी हस्तक्षेप आयोग (Foreign Interference Commission) की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। इस आयोग की ओर से जारी 7-वॉल्यूम की रिपोर्ट में पहली बार किसी आधिकारिक एजेंसी ने स्वीकार किया है कि कनाडा की धरती से भारत विरोधी आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आतंकी गतिविधियों को संचालित करने और फंडिंग करने वाले लोग कनाडा में सक्रिय हैं।
सीएसआईएस ने रिपोर्ट में स्वीकारे भारत की सुरक्षा को लेकर गंभीर खतरे
रिपोर्ट के चौथे वॉल्यूम “The Government’s Capacity to Detect, Deter and Counter Foreign Interference” के पेज 98 और 99 में भारत से जुड़ी अहम जानकारी दी गई है। इसमें कनाडा की खुफिया एजेंसी सीएसआईएस (Canadian Security Intelligence Service) ने स्वीकार किया कि खालिस्तानी आतंकियों को लेकर भारत की चिंताएं सही हैं। सीएसआईएस ने यह भी बताया कि कुछ खालिस्तानी आतंकी कनाडा में बैठकर भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रचते हैं, जबकि कुछ आतंकी भारत में आतंक फैलाने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करते हैं।
भारत-कनाडा संबंधों में बढ़ते तनाव की वजह
विदेशी हस्तक्षेप आयोग ने रिपोर्ट में यह भी लिखा कि भारत और कनाडा के बीच खालिस्तानी उग्रवादियों को लेकर मतभेद गहराते जा रहे हैं। रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि कनाडा ने जब भी ठोस सबूत मिले, तब उसने भारत के साथ मिलकर आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग किया है। लेकिन इसके बावजूद भारत विरोधी गतिविधियों में कनाडा की भूमि के इस्तेमाल से दोनों देशों के संबंध लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं।
कैसे काम करते हैं खालिस्तानी समर्थक?
रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा में रहने वाले अधिकांश खालिस्तानी समर्थक सार्वजनिक रूप से शांतिपूर्ण गतिविधियों का दावा करते हैं। लेकिन भारत और कनाडा के बीच तनाव की एक बड़ी वजह यह है कि दोनों देशों में खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों को देखने का नजरिया अलग-अलग है। भारत जहां इन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानता है, वहीं कनाडा इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में देखता है। यही कारण है कि दोनों देशों के बीच इस मुद्दे को लेकर लगातार मतभेद बने हुए हैं।
खालिस्तानी आतंकियों को शरण देने का आरोप
विदेशी हस्तक्षेप आयोग ने 16 महीने की गहन जांच के बाद यह रिपोर्ट कनाडा सरकार को सौंपी है। इस जांच के दौरान कई सरकारी अधिकारियों, मंत्रियों और खुफिया एजेंसियों के बयान दर्ज किए गए। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि पिछले तीन वर्षों में कनाडा सरकार ने 1,000 से अधिक खालिस्तानी आतंकियों को अपने देश में शरण दी है।
नवंबर में हुआ था इसी तरह का खुलासा
इससे पहले नवंबर 2024 में भी एक रिपोर्ट में कनाडा और खालिस्तानी आतंकियों के बीच गठजोड़ का खुलासा हुआ था। एक न्यूज चैनल ने कनाडा के सरकारी विभाग से मिली जानकारी के आधार पर बताया था कि कनाडा सरकार ने जानबूझकर खालिस्तानी आतंकियों को शरण दी और उनकी गतिविधियों को नजरअंदाज किया।
भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर क्या असर?
भारत सरकार लंबे समय से कनाडा में सक्रिय खालिस्तानी संगठनों को लेकर चिंता जाहिर कर रही है। इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद भारत सरकार इस मुद्दे को और गंभीरता से ले सकती है। कनाडा सरकार पर भी आतंकवाद को प्रश्रय देने के आरोप लग सकते हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी स्थिति कमजोर हो सकती है।
निष्कर्ष
कनाडा की इस रिपोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। भारत लंबे समय से कनाडा पर खालिस्तानी आतंकियों को शरण देने और उनकी गतिविधियों पर रोक न लगाने का आरोप लगाता रहा है। अब इस रिपोर्ट के बाद यह सवाल और गंभीर हो गया है कि क्या कनाडा सरकार इस पर कोई सख्त कदम उठाएगी, या फिर दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ेगा?