उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे औरंगजेब विवाद पर गुरुवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत की विरासत पर हमला करने वाले आक्रांताओं का महिमामंडन करना देशद्रोह के बराबर है। बहराइच के मिहींपुरवा (मोतीपुर) में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह टिप्पणी की।
सीएम योगी ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में स्पष्ट शब्दों में कहा, “किसी भी आक्रांता का महिमामंडन करना देशद्रोह की नींव को मजबूत करना है। स्वतंत्र भारत किसी भी देशद्रोही को स्वीकार नहीं कर सकता। जो भारत के महापुरुषों को अपमानित करता है और भारत की सनातन संस्कृति को रौंदने वाले आक्रांताओं का महिमामंडन करता है, उसे नया भारत कतई स्वीकार नहीं कर सकता।”

महाराज सुहेलदेव का जिक्र
सीएम योगी ने इस दौरान महाराज सुहेलदेव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “महाराज सुहेलदेव के पराक्रम और शौर्य के कारण 150 वर्षों तक कोई भी विदेशी आक्रांता भारत पर आक्रमण करने का साहस नहीं कर पाया। उनका बलिदान भारतीय संस्कृति और सभ्यता की रक्षा के लिए प्रेरणा स्रोत है।”
आक्रांता का महिमामंडन मतलब देशद्रोह की नींव को पुख्ता करना…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 20, 2025
स्वतंत्र भारत में ऐसे किसी देशद्रोही को स्वीकार नहीं किया जा सकता है… pic.twitter.com/BVHGaxY6zt
औरंगजेब को लेकर क्यों हो रहा है विवाद?
महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी द्वारा औरंगजेब की तारीफ करने के बाद विवाद शुरू हुआ। अबू आजमी ने कहा था कि औरंगजेब कोई क्रूर शासक नहीं था और उसके शासन के दौरान भारत की जीडीपी 24% थी। इस बयान के बाद राज्य में भारी विरोध प्रदर्शन हुआ।

छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग की गई। वहीं, नागपुर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के प्रदर्शन के दौरान औरंगजेब के पुतले का दहन किया गया। इसके बाद एक अफवाह फैली कि प्रदर्शन के दौरान एक विशेष समुदाय के धर्मग्रंथ को जलाया गया, जिसके कारण नागपुर में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई। हिंसा में कई वाहन जलाए गए और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी घायल हुए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा।