मुंबई, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी के औरंगजेब को लेकर दिए गए बयान पर विवाद गहरा गया है। विधानसभा में उनके बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली, जिसके बाद उन्हें मौजूदा बजट सत्र से निलंबित कर दिया गया। अबू आजमी के खिलाफ नौपाड़ा थाने में जीरो एफआईआर दर्ज की गई, जिसे बाद में मरीन ड्राइव थाने में स्थानांतरित कर दिया गया।
अबू आजमी ने औरंगजेब को बताया कुशल प्रशासक
अबू आजमी ने अपने बयान में औरंगजेब को एक “कुशल प्रशासक” बताते हुए कहा था कि उसने सिर्फ मंदिर ही नहीं, बल्कि मस्जिदों को भी ध्वस्त किया था। उनके इस बयान के बाद महाराष्ट्र विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ। बीजेपी और शिवसेना के विधायकों ने इसे राष्ट्रविरोधी करार देते हुए उनके निलंबन और कानूनी कार्रवाई की मांग की।

एकनाथ शिंदे ने कहा – अबू आजमी देशद्रोही
अबू आजमी के बयान पर राज्य के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
“अबू आजमी देशद्रोही हैं। उन्हें इस सदन में बैठने का कोई अधिकार नहीं है। औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज को 40 दिनों तक कैद रखा, उनके नाखून और जीभ तक काट दी गई थी। यातना देने के लिए उनके शरीर पर नमक डाला गया था। ऐसे क्रूर शासक का महिमामंडन करना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”
शिवसेना के मंत्री उदय सामंत ने भी इस मुद्दे को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि अबू आजमी के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
एफआईआर दर्ज, जांच शुरू
अबू आजमी के खिलाफ नौपाड़ा थाने में जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसे बाद में मरीन ड्राइव थाने में स्थानांतरित कर दिया गया। यहां बीएनएस के तहत सीआर नंबर 59/25 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है।

अबू आजमी ने बयान वापस लिया
विवाद बढ़ता देख अबू आजमी ने अपने बयान पर सफाई देते हुए उसे वापस लेने की घोषणा की। उन्होंने कहा,
“अगर मेरे बयान से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मैं उसे वापस लेता हूं। मेरा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। विधानसभा की कार्यवाही नहीं रुकनी चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया और उनके खिलाफ अनावश्यक रूप से माहौल बनाया गया।




