नई दिल्ली: भारत द्वारा मंगलवार देर रात किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान की ओर से रुख में बड़ा बदलाव देखा गया है। आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई ने न सिर्फ पाकिस्तान को सैन्य रूप से चौंकाया है, बल्कि कूटनीतिक रूप से भी दबाव में ला दिया है। दिन में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने युद्धविराम की गुहार लगाई, वहीं शाम होते-होते देश के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने भी दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के संकेत दिए।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकी ठिकानों पर सटीक प्रहार
भारतीय वायुसेना और मिसाइल बलों ने मंगलवार रात पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इन हमलों में प्रमुख रूप से बहावलपुर में स्थित जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय और लाहौर के समीप मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के अड्डे शामिल हैं। यह हमला पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में किया गया था, जिसमें 13 भारतीय सुरक्षाबलों ने शहादत दी थी।

पाकिस्तान के सुर बदले: संयम की बात, लेकिन चेतावनी भी
पाक विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा,
“मैंने कम से कम 26 देशों के नेताओं से बातचीत की है। सभी ने यही सलाह दी है कि भारत और पाकिस्तान मौजूदा तनाव को और बढ़ने न दें। हमने उन्हें आश्वस्त किया है कि पाकिस्तान पूर्ण संयम बरतेगा।”
हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि,
“बीती रात भारत की कार्रवाई का हमने प्रभावी जवाब दिया है। यदि कोई और आक्रामक कदम उठाया गया, तो हम ईंट का जवाब पत्थर से देंगे।”
सिंधु जल समझौते पर भी दी चेतावनी
डार ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को खतरे में डालने की चेतावनी पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
“दुनिया का कोई भी देश अपने हिस्से का एक भी बूंद पानी नहीं छोड़ेगा। यदि भारत इस संधि को तोड़ता है तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।”
परमाणु हथियारों की धमकी और शांति की पेशकश
डार वही शख्स हैं जिन्होंने अतीत में पाकिस्तान संसद में कहा था,
“इंशाअल्लाह पाकिस्तान अब परमाणु संपन्न राष्ट्र है। अगर किसी ने हमला किया, तो उसका जवाब परमाणु शक्ति से दिया जाएगा।”
अब वे बातचीत की पेशकश कर रहे हैं, लेकिन भारत की ओर से रुख स्पष्ट है – जब तक आतंकवाद समाप्त नहीं होता, तब तक किसी भी प्रकार की द्विपक्षीय वार्ता संभव नहीं।

चीन को दी जानकारी, चीन ने फिर दोहराई ‘शांति की आवश्यकता’
पाक विदेश कार्यालय के अनुसार, डार ने बुधवार को चीन के राजदूत जियांग जेडोंग से मुलाकात कर भारत के साथ बढ़ते तनाव की जानकारी दी। पाकिस्तान ने भारत पर संप्रभुता के उल्लंघन और निर्दोष नागरिकों की मौत का आरोप लगाया। इस दौरान उन्होंने चीन से समर्थन की अपेक्षा जताई, हालांकि चीन ने अब तक केवल “सांविधानिक शांति और स्थिरता बनाए रखने” की बात कही है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: भारत को नहीं मिला खुला विरोध
भारत की एयरस्ट्राइक के बाद अंतरराष्ट्रीय मंच पर किसी भी देश ने भारत की कार्रवाई की खुली निंदा नहीं की है। अधिकांश देशों ने इसे “आतंकवाद के खिलाफ प्रतिक्रिया” मानते हुए तनाव कम करने की अपील की है।