नई दिल्ली: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 निर्दोष नागरिकों की मौत के बाद भारत ने कड़ा जवाब देते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (POK) के नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए। इन हमलों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के प्रशिक्षण शिविरों और लॉन्चिंग पैड्स को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया।
पीएम मोदी ने दी कैबिनेट को जानकारी, बोले – “ये तो होना ही था”
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की आपात बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उन्होंने मंत्रियों को ऑपरेशन सिंदूर की विस्तृत जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा:

“ऑपरेशन बिल्कुल योजना के अनुसार हुआ और उसमें कोई त्रुटि नहीं रही। सेना ने पूरी सतर्कता और सटीकता से मिशन को अंजाम दिया। पूरा देश हमारी ओर देख रहा था और हमें हमारी सेना पर गर्व है।”
पीएम मोदी ने बताया कि ऑपरेशन में भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के जवानों ने समन्वय के साथ हमला किया और यह एक ऐतिहासिक संयुक्त ऑपरेशन था।
मंत्रियों ने दी प्रधानमंत्री और सेना को बधाई
बैठक में मौजूद सभी कैबिनेट मंत्रियों ने ऑपरेशन की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर विश्वास जताया। मंत्रियों ने कहा कि पूरा देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सरकार और सेना के साथ खड़ा है।
जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन की जानकारी साझा की तो पूरे कैबिनेट ने मेज थपथपाकर सेना और नेतृत्व की सराहना की। प्रधानमंत्री ने इस दौरान यह भी स्पष्ट किया कि आतंकवाद के खिलाफ उनकी सरकार की नीति “जीरो टॉलरेंस” पर आधारित है।
महिला अधिकारियों ने मीडिया को दी जानकारी
इस ऑपरेशन को लेकर बुधवार दोपहर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, जिसमें सेना की दो महिला अधिकारी – कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह – ने विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ मिलकर मीडिया को जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि हमला रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच हुआ और यह विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर अंजाम दिया गया। इसका उद्देश्य आतंकवादी शिविरों, लॉन्चिंग पैड और कमांड सेंटर को नष्ट करना था।

पीएम ने खुद रखी ऑपरेशन पर निगरानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संयुक्त ऑपरेशन पर रातभर व्यक्तिगत निगरानी रखी और हर पल की जानकारी संबंधित अधिकारियों से लेते रहे। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी अलग से मुलाकात कर स्थिति का आकलन किया।
जैश और लश्कर के ठिकाने तबाह
सूत्रों के अनुसार, हमलों में जिन नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें प्रमुख रूप से जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर स्थित मुख्यालय और लश्कर-ए-तैयबा का मुरीदके स्थित शिविर शामिल थे। इन ठिकानों का इस्तेमाल सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों की योजना और प्रशिक्षण के लिए किया जा रहा था।