Sunday, December 7, 2025
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एम.डी ग्रुप ऑफ एजुकेशन के छात्रों ने किया कृषि अनुसंधान केन्द्रों का शैक्षणिक भ्रमण — वैज्ञानिकों से सीखी आधुनिक खेती की तकनीकें

चिड़ावा, 10 सितम्बर 2025: झुंझुनूं रोड स्थित एम.डी ग्रुप ऑफ एजुकेशन के एग्रीकल्चर विभाग के विद्यार्थियों ने कृषि शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों को समझने के लिए राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान केंद्रों का दो दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण किया। इस भ्रमण का नेतृत्व डॉ. विवेक कुमार, प्रदीप कुमार शर्मा और मंजू चौधरी ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत चेयरमैन सुनील कुमार डांगी, मैनेजिंग डायरेक्टर समित डांगी और प्रबंधन सदस्यों ने हरी झंडी दिखाकर की।

शिक्षा और व्यवहारिक ज्ञान का संगम

एम.डी ग्रुप के छात्रों ने इस दौरान स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, भारतीय मूंगफली अनुसंधान संस्थान और राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र, बीकानेर का भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने पौध प्रजनन, आनुवांशिकी, कृषि अभियांत्रिकी, शस्य विभाग, कीट एवं रोग प्रबंधन के साथ-साथ कृषि प्रसार प्रणाली की गहराई से जानकारी प्राप्त की।

वैज्ञानिकों ने साझा किए शोध और नवाचार

कृषि वैज्ञानिक अरविन्द झाझड़िया, अर्जुन यादव, रूपचंद, पवन कुमार, दीपक कुमार सरौलिया, राजाराम चौधरी, ए. साहू और बी.डी.एस. नाथावत ने छात्रों को आधुनिक तकनीकों से अवगत कराया। उन्होंने बागवानी, मशरूम उत्पादन, पशुपालन, स्ट्रॉबेरी और ड्रैगन फ्रूट की उन्नत खेती तथा जैविक खाद और जल संरक्षण पद्धतियों पर विस्तृत जानकारी दी। छात्रों ने वैज्ञानिकों से प्रश्नोत्तर कर अपने संदेह दूर किए और नई कृषि विधियों के बारे में उत्साहपूर्वक नोट्स तैयार किए।

एम.डी ग्रुप ऑफ एजुकेशन की पहल से बढ़ा व्यावहारिक अनुभव

एम.डी ग्रुप के चेयरमैन सुनील कुमार डांगी ने कहा कि इस प्रकार के शैक्षणिक भ्रमण से विद्यार्थियों को ग्राउंड लेवल रिसर्च और इनोवेशन की समझ विकसित होती है।
मैनेजिंग डायरेक्टर समित डांगी ने बताया कि संस्थान विद्यार्थियों को थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल एक्सपोजर देने पर विशेष ध्यान देता है, ताकि वे भविष्य में रोजगार सृजन और आधुनिक खेती के क्षेत्र में अग्रणी बन सकें।

भविष्य के लिए प्रेरक अनुभव

भ्रमण में शामिल छात्रों ने कहा कि यह उनके लिए एक यादगार अनुभव रहा। उन्होंने प्रयोगशालाओं में फसलों पर किए जा रहे अनुसंधान और हाइब्रिड तकनीकों को देखकर आधुनिक कृषि की नई दिशा को समझा। यह भ्रमण न केवल ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि छात्रों में रिसर्च-आधारित खेती की रुचि भी बढ़ी।

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