लखनऊ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश सरकार ने चैत्र नवरात्रि के अवसर पर एक बड़ा फैसला लिया है। नवरात्रि के पावन पर्व के मद्देनजर राज्य में अवैध बूचड़खानों पर सख्ती बरतने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, धार्मिक स्थलों के 500 मीटर के दायरे में मांस बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह रोक 6 अप्रैल 2025 तक प्रभावी रहेगी, जो कि राम नवमी का दिन है।
आदेश का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश
उत्तर प्रदेश नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने सभी जिलाधिकारियों (DM), जिला पुलिस प्रमुखों और नगर आयुक्तों को इस आदेश को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। जिला स्तर पर इसके लिए विशेष समितियां बनाई गई हैं, जिनकी अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगे।

समितियों में पुलिस, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पशुपालन विभाग, परिवहन विभाग, श्रम विभाग, स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा प्रशासन के अधिकारी शामिल होंगे। इन समितियों का मुख्य कार्य यह सुनिश्चित करना होगा कि आदेश का पालन पूर्ण रूप से हो और उल्लंघन करने वालों पर त्वरित कार्रवाई की जाए।
आदेश की पृष्ठभूमि
यह आदेश नया नहीं है। वर्ष 2014 और 2017 में भी इसी प्रकार के निर्देश जारी किए गए थे। योगी सरकार ने उन आदेशों का हवाला देते हुए स्पष्ट किया है कि अवैध पशु वध और धार्मिक स्थलों के समीप मांस बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित होगी।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि 500 मीटर की परिधि के बाहर मांस की दुकानों को केवल लाइसेंस प्राप्त करने और शर्तों का पालन करने पर ही संचालित करने की अनुमति होगी। खुले में मांस की बिक्री पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
राम नवमी पर विशेष प्रतिबंध
राम नवमी, जो 6 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी, के दिन राज्य भर में पशु वध और मांस बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी। इस दिन विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।

दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान
उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 और खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 एवं 2011 के प्रावधानों के तहत, योगी सरकार ने उल्लंघन करने वालों पर कड़ी दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन को आदेश दिया गया है कि अवैध गतिविधियों में संलिप्त दुकानों को तुरंत सील कर दिया जाए और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।