लखनऊ, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों को रोकने और यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि जिन वाहनों का बार-बार चालान कटेगा, उनके मालिकों का लाइसेंस रद्द किया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने सड़क सुरक्षा को लेकर राज्यव्यापी जागरूकता अभियान चलाने पर भी जोर दिया।
प्रयागराज महाकुंभ में बेहतर यातायात व्यवस्था की तैयारी
मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में 2025 में होने वाले महाकुंभ को ध्यान में रखते हुए यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए विशेष निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यातायात प्रबंधन के लिए पीआरडी और होमगार्ड की संख्या बढ़ाई जाए। इसके अलावा, एक्सप्रेसवे और हाईवे पर खड़े लोडेड वाहनों को क्रेन के माध्यम से हटवाने और ओवरलोडिंग को रोकने के भी सख्त निर्देश दिए।
18 साल से कम उम्र के बच्चों पर विशेष ध्यान
सीएम योगी ने सड़क हादसों के प्रमुख कारणों पर चर्चा करते हुए कहा कि नाबालिग बच्चों का वाहन चलाना न केवल उनके लिए बल्कि अन्य लोगों के लिए भी जोखिमपूर्ण है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने पर सख्त कार्रवाई की जाए। ई-रिक्शा और अन्य वाहनों के पंजीकरण को भी सुव्यवस्थित तरीके से करने के लिए निर्देशित किया गया।
हर जिले में होगा जागरूकता अभियान
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा माह केवल राजधानी लखनऊ तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे प्रदेश के सभी 75 जिलों में आयोजित किया जाना चाहिए। 6 से 10 जनवरी तक सभी स्कूलों और कॉलेजों में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा, हर महीने जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक अनिवार्य रूप से आयोजित करने के निर्देश दिए गए।
सड़क सुरक्षा के लिए साइनेज और होर्डिंग्स अनिवार्य
सड़क हादसों को रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने सभी प्रमुख सड़कों पर साइनेज लगाने और जागरूकता संबंधी होर्डिंग्स लगाने के निर्देश दिए। ये होर्डिंग्स सभी जिलों, तहसीलों, थानों और नगर निकायों के बाहर भी लगाई जाएंगी। साथ ही, प्रत्येक जिले में रोड सेफ्टी पार्क और स्कूलों-कॉलेजों में रोड सेफ्टी क्लब बनाए जाने पर जोर दिया गया।
हर साल सड़क हादसों में 25,000 से अधिक मौतें
मुख्यमंत्री ने बैठक में बताया कि हर साल सड़क हादसों में 23,000 से 25,000 मौतें होती हैं, जो प्रदेश और देश के लिए गंभीर क्षति है। उन्होंने कहा कि सड़क हादसों के कारणों का पता लगाकर उनके समाधान के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। उन स्थानों को चिह्नित किया जाए जहां अधिक दुर्घटनाएं होती हैं और इनकी नियमित मॉनिटरिंग की जाए।
उपमुख्यमंत्री समेत कई वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद
इस महत्वपूर्ण बैठक में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, नगर विकास मंत्री एके शर्मा, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, और बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को निर्देश दिया कि वे सड़क सुरक्षा से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करें और प्रगति की हर तीसरे महीने समीक्षा करें।