कुशीनगर, उत्तर प्रदेश: अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। शनिवार को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले की तमकुहीराज तहसील के जंगलीपट्टी गांव के समीप एपी बांध क्षेत्र में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की देखरेख में रॉकेट लॉन्चिंग का सफल परीक्षण किया गया। यह पहली बार है जब उत्तर प्रदेश में इस प्रकार का परीक्षण किया गया, जिसमें रॉकेट के माध्यम से सीधे एक छोटा उपग्रह छोड़ा गया।
5:14:33 PM पर भरी उड़ान
थ्रस्ट टेक इंडिया लिमिटेड के सौजन्य से आयोजित इस कार्यक्रम में इसरो के वैज्ञानिक अभिषेक सिंह की अगुवाई में रॉकेट को शाम 5:14 मिनट और 33 सेकंड पर लॉन्च किया गया। यह रॉकेट 1.1 किलोमीटर की ऊंचाई तक गया। रॉकेट से एक छोटा उपग्रह बाहर निकला, जो 5 मीटर की ऊंचाई से गिरते ही पैराशूट द्वारा नियंत्रित होकर 400 मीटर दूर सुरक्षित लैंड हुआ।

उपग्रह व रॉकेट दोनों सुरक्षित लौटे
वैज्ञानिकों ने बताया कि रॉकेट और उपग्रह दोनों ही सुरक्षित रूप से धरती पर लौट आए। 15 किलोग्राम वजन का रॉकेट बिना किसी क्षति के नीचे उतर गया। इस प्रकार यह परीक्षण पूरी तरह सफल रहा।
भविष्य की बड़ी तैयारी की झलक
इस परीक्षण को अक्टूबर-नवंबर में प्रस्तावित एक बड़े आयोजन की भूमिका माना जा रहा है, जिसमें देशभर के युवाओं द्वारा बनाए गए लगभग 900 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया जाएगा।
अभिषेक सिंह ने बताया कि इससे पहले अहमदाबाद में ड्रोन से परीक्षण किया गया था, लेकिन उत्तर प्रदेश में यह पहली बार हुआ जब रॉकेट के माध्यम से सीधे उपग्रह छोड़ा गया।

इन-स्पेस निदेशक विनोद कुमार की पुष्टि
इन-स्पेस (IN-SPACe) के संवर्धन निदेशालय के निदेशक विनोद कुमार ने इस परीक्षण की सफलता की पुष्टि करते हुए कहा:
“यह कार्यक्रम पूरे क्षेत्र और देश के बच्चों में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति रुचि पैदा करने के लिए आयोजित किया गया है। उत्तर प्रदेश में पहली बार रॉकेट द्वारा उपग्रह लॉन्च करना ऐतिहासिक उपलब्धि है।”
इन-स्पेस, अंतरिक्ष विभाग (DOS) के अंतर्गत संचालित एक स्वायत्त निकाय है जो निजी क्षेत्र व शिक्षा जगत को अंतरिक्ष गतिविधियों से जोड़ने के लिए कार्यरत है।