फतेहपुर, उत्तर प्रदेश: बांदा जनपद के ललौली कस्बे में प्रशासन ने चिल्ला-ललौली मार्ग के सुदृणीकरण और नाला निर्माण के लिए 1839 से स्थापित नूरी जामा मस्जिद के पिछले हिस्से पर कार्रवाई करते हुए 18 फीट अतिक्रमण हटाया। मंगलवार को हुई इस कार्रवाई में चार बुलडोजर और दो पोकलैंड मशीनों का इस्तेमाल किया गया। पूरे अभियान के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से आसमान में ड्रोन से फोटो और वीडियो भी बनाए गए।
अतिक्रमण हटाने का कारण
चिल्ला-ललौली मार्ग की कुल लंबाई सात किलोमीटर है, जिसमें एक किलोमीटर का हिस्सा घनी आबादी वाले क्षेत्र से गुजरता है। इस मार्ग के सुदृणीकरण और नाला निर्माण के लिए 11.34 करोड़ रुपये स्वीकृत हैं। सड़क के सुदृणीकरण में 6.49 करोड़ रुपये और नाला निर्माण में 4.85 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। घनी आबादी और अतिक्रमण के चलते इस परियोजना में पिछले एक साल से बाधा आ रही थी।
नोटिस और मस्जिद कमेटी का जवाब
लोक निर्माण विभाग ने 17 अगस्त 2024 को मस्जिद समेत 134 अतिक्रमणकर्ताओं को नोटिस जारी किया था। इनमें से अधिकांश ने स्वयं अतिक्रमण हटा लिया, लेकिन मस्जिद कमेटी ने 30 दिन का समय मांगा और मामला हाईकोर्ट में पहुंचा। 6 दिसंबर को सुनवाई न होने के कारण अगली तिथि 12 दिसंबर तय की गई है।
कार्रवाई के दौरान सुरक्षा व्यवस्था
मस्जिद की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने दस थानों की पुलिस फोर्स और पीएसी की तीन कंपनियां तैनात कीं। एडीएम अविनाश त्रिपाठी, एडिशनल एसपी विजय शंकर मिश्र, एसडीएम प्रदीप रमन और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी कार्रवाई के दौरान मौजूद रहे।
मस्जिद कमेटी का पक्ष
मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद मोइन खान ने प्रशासन की कार्रवाई को मनमाना बताया। उन्होंने कहा कि मस्जिद सौ साल पुरानी है और सड़क निर्माण बाद में हुआ। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अतिक्रमण हटाने से पहले केवल इबादत का सामान निकालने की अनुमति दी गई और कमेटी के सदस्यों को प्रक्रिया से दूर रखा गया।